Zomato ki chhatni se hazaron sapne chaknachoor: जोमाटो के द्वारा 600 कर्मचारियों की छंटनी! AI आपकी नौकरी का अगला दुश्मन है- क्या लगता है आपको?
“सपने तो बड़े देखे थे, लेकिन अब नौकरी ही नहीं रही” – ये शब्द उन सैकड़ों एम्प्लाइज के हैं, जिन्हें हाल ही में Zomato ने चुपचाप बाहर का रास्ता दिखा दिया। 600 से ज़्यादा कस्टमर सपोर्ट स्टाफ की नौकरी चली गई और इसकी वजह बनी कंपनी की नई AI टेक्नोलॉजी। सवाल ये है कि क्या अब इंसानों की जगह मशीनें लेने लगी हैं? और जो युवा कड़ी मेहनत से अपने करियर बना रहे हैं, उनके लिए इस बदलाव का क्या मतलब है? आइए, इस पूरे मुद्दे को समझते हैं।
क्यों हुई ये छंटनी?
पिछले साल ही Zomato ने Zomato Associate Accelerator Program (ZAAP) के तहत 1,500 से ज़्यादा लोगों को कस्टमर सपोर्ट और अन्य डिपार्टमेंट्स में रिक्रूटमेंट किया था। इस प्रोग्राम में ये प्रॉमिस किया गया था कि अच्छा परफॉरमेंस करने वालों को आगे प्रमोशन मिलेगा और वे सप्लाई चेन, ऑपरेशंस, और सेल्स जैसी बड़ी भूमिकाओं में जा सकते हैं।
लेकिन हक़ीक़त कुछ और ही निकली। अचानक, बिना किसी बड़ी अनाउंसमेंट के, Zomato ने 600 से ज़्यादा एम्प्लाइज को नौकरी से निकाल दिया।
एम्प्लाइज का कहना है कि:
गुरुग्राम और हैदराबाद ऑफिस में अचानक इस्तीफा देने को कहा गया।
कोई नोटिस पीरियड नहीं दिया गया, सिर्फ एक महीने की सैलरी देकर निकाल दिया गया।
कारण बताया गया – “खराब परफॉर्मेंस”, लेकिन असली वजह AI टेक्नोलॉजी को अपनाना था।
कई लोगों ने सोशल मीडिया पर अपनी तकलीफ बयां की, लेकिन Zomato ने चुप्पी साध ली।
AI ने छीनी नौकरियां?
Zomato ने हाल ही में ‘Nugget’ नाम की AI-पावर्ड कस्टमर सपोर्ट टेक्नोलॉजी लॉन्च की है। यह एक ऐसा सिस्टम है, जो हर महीने 1.5 करोड़ से ज्यादा कस्टमर क्वेरीज़ को हल कर सकता है – और वो भी बिना किसी इंसान की मदद के।
👉 Nugget से क्या बदला?
कस्टमर सपोर्ट टीम में 80% सवालों के जवाब अब AI खुद दे रहा है। इसका मतलब ये है कि कंपनी को इंसानों की ज़रूरत ही नहीं रह गई।
लागत कम करने के लिए Zomato ने 600 से ज्यादा एम्प्लाइज को निकाल दिया।
एक पूर्व एम्प्लॉयी का दर्द:
“हमने दिन-रात मेहनत की, ओवरटाइम किया, लेकिन जब जरूरत पड़ी तो कंपनी ने हमें एक पल में निकाल दिया।”
क्या Zomato मुश्किल में है?
Zomato का यह फैसला कहीं न कहीं यह भी दिखाता है कि कंपनी की हालत उतनी मजबूत नहीं है।
1️⃣ फूड डिलीवरी का बिज़नेस धीमा हो रहा है – Swiggy और दूसरी कंपनियों से कड़ी टक्कर मिलने के कारण Zomato की ग्रोथ रुक गई है।
2️⃣ Blinkit भारी नुकसान में है – क्विक डिलीवरी सर्विस Blinkit को मुनाफे में लाने के लिए Zomato को लागत कम करनी पड़ रही है।
3️⃣ पहले भी छंटनी हो चुकी है – दिसंबर 2022 में Zomato ने 100 से ज्यादा कर्मचारियों को निकाल दिया था।
छंटनी का असर – सिर्फ एम्प्लाइज पर ही नहीं, ग्राहकों पर भी!
ग्राहकों को भी इस छंटनी का असर महसूस हो सकता है।
जब कस्टमर सपोर्ट टीम छोटी हो जाती है, तो कई बार प्रॉब्लम्स का सलूशन जल्दी नहीं मिल पाता।
ऑर्डर से जुड़ी, शिकायतों का जवाब देने में AI उतना प्रभावी नहीं हो सकता, जितना एक इंसान।
हो सकता है कि Zomato अपने प्लेटफॉर्म पर छूट और ऑफर्स भी कम कर दे।
क्या Swiggy भी ऐसा करेगा?
अब सवाल ये भी उठ रहा है कि क्या Zomato की राह पर Swiggy भी चलेगा?
Swiggy ने अभी तक इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
लेकिन अगर AI को ज्यादा अपनाया गया, तो Swiggy और दूसरी कंपनियां भी छंटनी कर सकती हैं।
आगे क्या?
✔ AI और ऑटोमेशन की वजह से कस्टमर सपोर्ट और ऑपरेशंस से जुड़ी नौकरियों का खतरा बढ़ रहा है।
✔ जो एम्प्लॉयी निकाले गए हैं, उनके लिए नई नौकरियां ढूंढना आसान नहीं होगा।
✔ अगर यही ट्रेंड जारी रहा, तो आने वाले समय में, और भी सेक्टर्स में नौकरियों पर खतरा मंडरा सकता है।
क्या यह सिर्फ एक शुरुआत है?
Zomato की छंटनी यह बताती है कि अब जॉब सिक्योरिटी सिर्फ परफॉर्मेंस पर नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी के रुख पर भी डिपेंड करती है। कंपनियां, अब लागत घटाने के लिए AI का इस्तेमाल तेजी से कर रही हैं – और इसका सीधा असर नौकरी करने वाले लाखों लोगों पर पड़ सकता है।
क्या आपको लगता है कि AI से नौकरियों का खतरा बढ़ रहा है? या यह, टेक्नोलॉजी डेव्लपमेंट्स की, एक ज़रूरी कीमत है?