Shiksha ka Naya Daur PM Shri Schools: जानिए! PM Shri योजना से, कैसे बदल रही है शिक्षा व्यवस्था।
भारत सरकार ने PM श्री (प्रधानमंत्री स्कूल्स फॉर राइजिंग इंडिया) योजना के तहत देशभर के 14,500 से अधिक स्कूलों को अपग्रेड करने की पहल की है। इस योजना का मकसद सरकारी स्कूलों, केंद्रीय विद्यालयों (Kendriya Vidyalaya – KV) और नवोदय विद्यालयों को नई टेक्निक और मॉडर्न सुविधाओं से लैस करना है, ताकि बच्चों को बेहतर एजुकेशन मिल सके। यह योजना 7 सितंबर 2022 को शुरू की गई थी और इसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy – NEP) 2020 के तहत लागू किया गया है।
केंद्रीय विद्यालयों का नाम क्यों बदला गया?
कई केंद्रीय विद्यालयों (KVs) के नाम बदलकर, अब PM Shri Central Schools कर दिए गए हैं। इसका मुख्य कारण इन स्कूलों को नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 के तहत “आदर्श विद्यालय” के रूप में डेवलप करना है। यह बदलाव इसलिए भी किया गया ताकि ये स्कूल मॉडर्न एजुकेशन के मॉडल बनें और छात्रों को नई टेक्निक्स और डिजिटल लर्निंग के साथ जोड़ा जा सके।
हालांकि, कुछ लोगों का मानना है कि यह नाम परिवर्तन सिर्फ एक राजनीतिक स्टेप्स हो सकता है, जबकि सरकार का कहना है कि यह बदलाव शिक्षा में सुधार के लिए किया गया है।
निजी कर्मचारियों के बच्चों के लिए ट्रांसफर नियम में बदलाव
पहले सेंट्रल स्कूल्स में सरकारी एम्प्लॉईज़ के साथ-साथ, निजी कर्मचारियों के बच्चों को भी ट्रांसफर की सुविधा मिलती थी। लेकिन अब नए नियमों के तहत, प्राइवेट सेक्टर्स में काम करने वाले माता-पिता के बच्चों को स्कूल ट्रांसफर की अनुमति नहीं दी जाएगी।
अब यह सुविधा केवल सरकारी कर्मचारियों के बच्चों के लिए ही उपलब्ध होगी। इससे प्राइवेट कम्पनीज में काम करने वाले माता-पिता को दिक्कत हो सकती है, खासकर यदि वे किसी दूसरी जगह ट्रांसफर हो जाते हैं और अपने बच्चे का एडमिशन नए स्कूल में कराना चाहते हैं।
केंद्रीय विद्यालयों में एडमिशन नियम
केंद्रीय विद्यालयों में दाखिले के लिए कुछ नियम तय किए गए हैं:
🔹 कक्षा 1 में प्रवेश: बच्चे की उम्र 31 मार्च तक 6 साल होनी चाहिए। अगर बच्चे का जन्म 1 अप्रैल को हुआ है, तो उसे भी एडमिशन मिल सकता है।
🔹 कक्षा 9 में प्रवेश: इसके लिए एंट्रेंस टेस्ट देना होगा।
🔹 कक्षा 11 में प्रवेश: कक्षा 10 में मिले अंकों के आधार पर प्रवेश दिया जाता है।
🔹 कक्षा 10 और 12 में नए छात्रों का प्रवेश: अगर सीटें खाली हैं और छात्र के पास 55% से ज्यादा अंक हैं, तभी उसे प्रवेश मिलेगा।
केंद्रीय विद्यालयों में आरक्षण नीति
केंद्रीय विद्यालयों में कुछ सीटें आरक्षित रखी जाती हैं:
✅ अनुसूचित जाति (SC): 15%
✅ अनुसूचित जनजाति (ST): 7.5%
✅ अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC – NCL): 27%
✅ दिव्यांग बच्चों के लिए: 3%
सरकार का मकसद यह है कि हर वर्ग के बच्चों को शिक्षा का समान अवसर मिले।
पीएम श्री योजना से क्या बदलने वाला है?
PM Shri Schools योजना के तहत चुने गए स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम, डिजिटल लर्निंग, आधुनिक लैब्स, लाइब्रेरी और हरे-भरे कैंपस बनाए जा रहे हैं। इसका फायदा लाखों छात्रों को मिलेगा और उन्हें बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ पढ़ाई का मौका मिलेगा।
हालांकि, नाम बदलने और ट्रांसफर नियमों में बदलाव को लेकर विवाद भी हो रहे हैं। कुछ लोगों का मानना है कि इन फैसलों से कुछ माता-पिता और छात्रों को परेशानी होगी, लेकिन सरकार का दावा है कि इससे शिक्षा का स्तर और बेहतर होगा।
क्या यह बदलाव सही दिशा में है?
PM Shri Schools योजना भारत के शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव ला रही है। इससे सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता सुधरेगी, और बच्चों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। हालांकि, निजी कर्मचारियों के बच्चों के ट्रांसफर प्रतिबंध को लेकर अभी भी चिंताएं बनी हुई हैं।
आपका क्या कहना है? क्या यह योजना सही दिशा में है या इसमें सुधार की जरूरत है?