PM Modi ne kiya Bihar Mahila Sahakari Sanstha ka shubharambh: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ‘बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड’ का उद्घाटन किया। जानें कैसे मिलेगी सस्ती ब्याज पर ऋण सुविधा।
PM Modi ne kiya Bihar Mahila Sahakari Sanstha ka shubharambh: बिहार की महिलाओं के लिए नई उम्मीद- सहकारिता संस्था की शुरुआत
बिहार की धरती हमेशा से मेहनतकश महिलाओं की गवाही देती रही है। खेतों से लेकर घर की जिम्मेदारियों तक, महिलाओं ने हर मोर्चे पर अपनी भागीदारी साबित की है। लेकिन जब बात आर्थिक स्वतंत्रता की आती है तो ग्रामीण इलाकों की महिलाएं अक्सर संसाधनों की कमी और महाजनी कर्ज़ के जाल में फंसी रहती हैं।
इन्हीं चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में ‘बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड’ का डिजिटल उद्घाटन किया। इस कदम का उद्देश्य है – महिलाओं को सस्ती ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की राह पर आगे बढ़ाना।
PM Modi ne kiya Bihar Mahila Sahakari Sanstha ka shubharambh: डिजिटल माध्यम से ऐतिहासिक पहल
दिल्ली से आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने इस सहकारिता संस्था के बैंक खाते में 105 करोड़ रुपये की पहली किश्त सीधे हस्तांतरित की। यह राशि बिहार के अलग-अलग जिलों में सक्रिय स्वयं सहायता समूहों (Self Help Groups) से जुड़ी महिलाओं तक पहुंचेगी।
यह पहल न केवल महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है बल्कि बिहार में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा भी प्रदान करेगी।
PM Modi ne kiya Bihar Mahila Sahakari Sanstha ka shubharambh: क्यों जरूरी है यह संस्था?
बिहार के गांवों में लाखों महिलाएं स्वयं सहायता समूहों (SHGs) के जरिए छोटी-छोटी बचत करती हैं और उस बचत से एक-दूसरे की मदद करती हैं। हालांकि, जब उन्हें बड़ा कर्ज़ चाहिए होता है तो अक्सर वे साहूकारों या ऊंची ब्याज दर वाले स्रोतों पर निर्भर हो जाती हैं।
नई सहकारिता संस्था इस समस्या का समाधान लाएगी। अब महिलाएं बिना बिचौलियों और महंगे कर्ज़ के सीधे बैंकिंग चैनलों से कम ब्याज दर पर ऋण ले सकेंगी।
PM Modi ne kiya Bihar Mahila Sahakari Sanstha ka shubharambh: प्रधानमंत्री मोदी का संदेश
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत किए बिना समाज की प्रगति संभव नहीं है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि महिलाओं के हाथों में जब संसाधन और आर्थिक अधिकार होंगे तो वे न केवल परिवार बल्कि पूरे समाज को सशक्त बनाएंगी।
कैसे काम करेगी यह सहकारी संस्था?
• यह संस्था एक राज्य स्तरीय सहकारी संघ है, जो स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को वित्तीय सहयोग देगी।
• संस्था के जरिए लिया गया ऋण कम ब्याज दर पर उपलब्ध होगा, जिससे महिलाओं को कर्ज़ चुकाने में आसानी होगी।
• संस्था बैंकों और SHGs के बीच पुल का काम करेगी, ताकि महिलाओं तक पूंजी की सीधी पहुंच हो।
• पारदर्शी प्रक्रिया से सुनिश्चित होगा कि धनराशि सही लाभार्थियों तक पहुंचे।
PM Modi ne kiya Bihar Mahila Sahakari Sanstha ka shubharambh: महिलाओं के लिए फायदे
- सस्ती ब्याज दर पर ऋण: महिलाएं अब महाजनों या साहूकारों से महंगे कर्ज़ लेने पर मजबूर नहीं होंगी।
- स्वावलंबन: अपने छोटे-छोटे व्यवसाय, जैसे डेयरी, सिलाई, बुनाई, कृषि या दुकानदारियों को बढ़ाने का अवसर मिलेगा।
- बचत की आदत: SHGs के जरिए बचत और ऋण दोनों एक साथ चलेंगे, जिससे वित्तीय अनुशासन बनेगा।
- सामाजिक पहचान: महिलाएं परिवार से बाहर निकलकर आर्थिक फैसले लेने में भी आत्मविश्वास महसूस करेंगी।
बिहार में महिलाओं की बदलती तस्वीर
पिछले कुछ वर्षों में बिहार की महिलाएं शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के क्षेत्र में बड़ी प्रगति कर रही हैं। जीविका परियोजना पहले ही लाखों महिलाओं को जोड़कर उन्हें छोटे व्यवसायों में आत्मनिर्भर बना चुकी है। अब इस सहकारिता संस्था के साथ, उनके पास और बड़े अवसर होंगे।
गांव की वह महिला, जो कल तक केवल घर और खेत तक सीमित थी, अब छोटे उद्योग और स्वरोजगार के जरिए अपने परिवार की आय बढ़ा सकती है।
PM Modi ne kiya Bihar Mahila Sahakari Sanstha ka shubharambh: प्रधानमंत्री की महिलाओं पर फोकस योजनाएं
प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में महिलाओं के लिए कई योजनाएं चलाई गई हैं –
• उज्ज्वला योजना: गैस सिलेंडर की सुविधा
• जन धन योजना: महिलाओं के बैंक खाते
• स्टार्टअप और मुद्रा योजना: छोटे व्यवसायों के लिए ऋण
• आयुष्मान भारत: स्वास्थ्य सुरक्षा
अब सहकारिता संस्था इस सूची में नया आयाम जोड़ रही है, खासकर बिहार जैसे राज्य में जहां बड़ी संख्या में महिलाएं ग्रामीण परिवेश से आती हैं।
भविष्य की संभावनाएं
अगर यह संस्था अपने उद्देश्यों को सही तरीके से लागू करती है तो आने वाले वर्षों में लाखों महिलाएं आत्मनिर्भर बन सकती हैं। इससे न केवल परिवार की स्थिति बदलेगी बल्कि बिहार की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
एक महिला का सशक्त होना पूरे परिवार की स्थिति बदल देता है। जब महिला कमाई और खर्च दोनों में सक्रिय भूमिका निभाती है, तो बच्चों की पढ़ाई, स्वास्थ्य और परिवार की जीवनशैली स्वतः बेहतर हो जाती है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘बिहार राज्य जीविका निधि साख सहकारी संघ लिमिटेड’ का उद्घाटन बिहार की महिलाओं के लिए नई उम्मीद है। यह केवल एक वित्तीय संस्था नहीं बल्कि महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता की नई राह है।
105 करोड़ रुपये की शुरुआती मदद से यह साफ संदेश गया है कि सरकार महिलाओं को केवल लाभार्थी नहीं, बल्कि विकास की साझेदार बनाना चाहती है।
बिहार की महिलाओं के लिए यह संस्था आने वाले वर्षों में आत्मनिर्भरता और सशक्तिकरण की नींव साबित होगी।
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