“आदि भी तुम- अनंत भी तुम, देवो के देव महादेव हो तुम।
लोक भी तुम – त्रिलोक भी तुम, कालो के काल महाकाल हो तुम।।”
महाशिवरात्रि क्या है?
महाशिवरात्रि एक पवित्र हिंदू त्योहार है, जो भगवान शिव की पूजा के लिए जाना जाता है। फाल्गुन माह की, कृष्ण पक्ष, चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस दिन विशेष रूप से शिव की उपासना और उनके आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए लोग पूजा- पाठ, जप आदि करते हैं। यह दिन एक अत्यधिक महत्व रखता है।
महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है?
महाशिवरात्रि, भगवान शिव और माता पार्वती के दिव्य “विवाह” के रूप में जाना जाता है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती ने एक दूसरे से विवाह किया, जो प्रेम, समर्पण और शक्ति का प्रतीक माना जाता है।
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता शक्ति की उपासना की जाती है और उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया जाता है। इस दिन को ध्यान, साधना और आत्मा की शुद्धि का दिन माना जाता है। इस दिन भगवान शिव के निराकार रूप की पूजा होती है, जिससे मनुष्य के जीवन में शांति, बल और सकारात्मकता आती है। महाशिवरात्रि सिर्फ एक त्योहार नहीं है, ये एक एहसास है। जब हम भगवान शिव के बारे में सोचते हैं, तो उनकी सरलता, शक्ति और अपार शांति का ध्यान आता है। ये वो दिन है जब हम सिर्फ बाहरी पूजा नहीं करते, बल्कि अपने भीतर की शांति और शक्ति को महसूस करने की कोशिश करते हैं।
कैसे मनाते हैं महाशिवरात्रि?
महाशिवरात्रि के दिन लोग उपवास रहते हैं, शिवलिंग पर जल, दूध, फूल, बेलपत्र, शहद और भांग चढ़ाकर पूजा की जाती है। रातभर जागरण करते हैं और “ॐ नमः शिवाय” का जाप करते हैं। हम उनसे अपने जीवन की कठिनाइयों से उबरने और सही मार्गदर्शन की प्रार्थना करते हैं। इससे हमें भगवान शिव और शक्ति स्वरूपा माता पार्वती की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होता है।
कई स्थानों पर महाशिवरात्रि के दिन बड़े मेले और उत्सवों का आयोजन होता है। हरिद्वार, काशी, उज्जैन जैसे पवित्र स्थलों पर विशेष मेला आयोजित होता है, धूमधाम से बाबा की सवारी निकाली जाती है। जहां श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं और शिवलिंग का दर्शन और अभिषेक करते हैं। लोग भगवान शिव के मंत्र “ॐ नमः शिवाय” का जाप करते हैं। यह मंत्र न केवल आध्यात्मिक शक्ति को बढ़ाता है, बल्कि मानसिक शांति और आंतरिक बल भी देता है। कई लोग दिनभर या रात्रि भर इस मंत्र का जाप करते हैं। रात्रि जागरण, इस दिन की विशेष परंपरा है। लोग शिव भजनों और कीर्तन में भाग लेते हैं, भगवान शिव की महिमा गाते हैं। लोग सामूहिक रूप से रातभर जागकर भोले बाबा के गीत गाते हुए महाशिवरात्रि का महापर्व मानते हैं ।
महाशिवरात्रि का महत्व:
महाशिवरात्रि का महत्व केवल पूजा तक सीमित नहीं है, यह दिन आत्मा की शुद्धि और आत्मबल को बढ़ाने का दिन है। भगवान शिव की पूजा से हम जीवन के कठिन समय में भी धैर्य और शक्ति पा सकते हैं। यह दिन हमें खुद को जानने और सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।
महाशिवरात्रि से मिलने वाला आशीर्वाद:
महाशिवरात्रि की पूजा से एक अदृश्य शक्ति मिलती है। यह शक्ति हमें अपने भीतर की ऊर्जा को पहचानने और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का रास्ता दिखाती है। जब हम भगवान शिव से जुड़ते हैं, तो जीवन में संतुलन और शांति महसूस होती है। महाशिवरात्रि का व्रत और पूजा करने से न सिर्फ आंतरिक शांति मिलती है, बल्कि जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। इस दिन की पूजा से मनुष्य के हर दुख और कष्ट दूर हो जाते हैं ।