Lunar Eclipse Chandra Grahan 2025 India: 7-8 सितंबर 2025 को भारत में पूर्ण चंद्र ग्रहण दिखेगा। जानें चंद्र ग्रहण का समय, सूतक काल, मंदिरों के बंद रहने की परंपरा और किन शहरों में सबसे साफ़ दिखाई देगा।
Lunar Eclipse Chandra Grahan 2025 India: चंद्र ग्रहण का महत्व
चंद्र ग्रहण तब होता है जब पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है और उसकी छाया चंद्रमा पर पड़ती है। इस स्थिति में चंद्रमा पूरी तरह या आंशिक रूप से ढक जाता है। इस दौरान चांद लालिमा लिए दिखाई देता है, जिसे आम भाषा में ब्लड मून भी कहा जाता है। धार्मिक दृष्टि से भी ग्रहण का विशेष महत्व है। हिंदू धर्म में ग्रहण के समय कई नियम और परंपराएँ मानी जाती हैं।
Lunar Eclipse Chandra Grahan 2025 India: कब और कितनी देर रहेगा चंद्र ग्रहण 2025?
वर्ष 2025 का दूसरा चंद्र ग्रहण भारतीय समयानुसार 7 सितंबर की रात 9:57 बजे शुरू होगा और 8 सितंबर को 1:26 बजे समाप्त होगा।
• पूर्ण ग्रहण का समय: रात 11:42 बजे से 12:47 बजे तक
• कुल अवधि: लगभग 65 मिनट
इस दौरान चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की छाया में होगा और उसका रंग हल्का लाल या तांबे जैसा हो जाएगा, जिसे आम भाषा में ब्लड मून (Blood Moon) कहा जाता है।
Lunar Eclipse Chandra Grahan 2025 India: भारत के किन शहरों से साफ दिखेगा ग्रहण?
हालांकि यह ग्रहण पूरे भारत में दिखाई देगा, लेकिन साफ मौसम और प्रदूषण कम होने पर यह नजारा और भी शानदार दिखाई देगा।
प्रमुख 15 शहर जहां सबसे साफ दिखेगा ग्रहण:
दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे, लखनऊ, जयपुर, चंडीगढ़, अहमदाबाद, गुवाहाटी, पटना, भोपाल, भुवनेश्वर
इन शहरों में अगर आसमान बादलों से ढका नहीं रहा, तो चंद्रमा का यह लाल रूप स्पष्ट रूप से दिखाई देगा।
Lunar Eclipse Chandra Grahan 2025 India: पूर्वी और पश्चिमी भारत की स्थिति
• पूर्वी भारत (कोलकाता, गुवाहाटी): चंद्रोदय जल्दी होने के कारण यहां ग्रहण की शुरुआत अधिक साफ़ दिखाई देगी।
• पश्चिमी भारत (मुंबई, अहमदाबाद): यहां ग्रहण पूरी तरह दिखेगा, लेकिन चंद्रोदय थोड़ा देर से होगा।
सूतक काल का समय
हिंदू मान्यताओं के अनुसार ग्रहण शुरू होने से लगभग 9 घंटे पहले सूतक काल आरंभ हो जाता है।
• सूतक काल शुरू: 7 सितंबर दोपहर 12:57 बजे से
• सूतक काल समाप्त: 8 सितंबर सुबह 1:26 बजे ग्रहण समाप्ति तक
इस दौरान धार्मिक गतिविधियाँ जैसे पूजा-पाठ, भोजन बनाना और मंदिरों में पूजा-अर्चना वर्जित मानी जाती है।
सूतक काल में क्या करना चाहिए?
• मंत्र जाप, ध्यान, और भगवान का नाम जपना शुभ माना जाता है।
• तुलसी पत्र या कुशा को खाने-पीने की चीज़ों में रख दिया जाता है ताकि वह ग्रहण दोष से बची रहें।
Lunar Eclipse Chandra Grahan 2025 India: सूतक काल में मंदिरों की स्थिति
धार्मिक मान्यताओं के लिहाज से वैसे तो भारत के सभी मंदिरो में सूतक काल के समय से ही प्रवेश वर्जित होता है, जिससे मंदिरो को बंद रक्खा जाता है। जिनमे बंद रहने वाले कुछ प्रमुख मंदिर –
• तिरुपति बालाजी मंदिर (आंध्र प्रदेश)
• पुरी जगन्नाथ मंदिर (ओडिशा)
• काशी विश्वनाथ मंदिर (उत्तर प्रदेश)
• कामाख्या मंदिर (असम)
• सिद्धिविनायक मंदिर (महाराष्ट्र)
इन सभी मंदिरों के कपाट 7 सितंबर दोपहर से बंद कर दिए जाएंगे और ग्रहण समाप्त होने के बाद शुद्धिकरण अनुष्ठान के साथ ही पुनः खोले जाएंगे।
खुले रहने वाले मंदिर
कुछ मंदिर विशेष मान्यताओं के कारण सूतक काल में भी बंद नहीं होते:
• विष्णुपद मंदिर (गया, बिहार): यहाँ मान्यता है कि ग्रहण का कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
• लक्ष्मीनाथ मंदिर (बीकानेर, राजस्थान)
• महाकालेश्वर मंदिर (उज्जैन, मध्य प्रदेश)
इन मंदिरों में श्रद्धालु ग्रहण काल में भी दर्शन कर सकते हैं।
Lunar Eclipse Chandra Grahan 2025 India: वैज्ञानिक और धार्मिक दृष्टिकोण
जहाँ विज्ञान ग्रहण को केवल खगोलीय घटना मानता है, वहीं भारतीय परंपरा में इसे शुभ-अशुभ प्रभावों से जोड़ा जाता है।
• वैज्ञानिक कहते हैं कि ग्रहण के दौरान विशेष सावधानियों की आवश्यकता नहीं होती, बस इसे सुरक्षित तरीके से देखना चाहिए।
• धार्मिक मान्यता है कि ग्रहण काल में मंत्र जाप, ध्यान और दान-पुण्य करना अत्यंत फलदायी होता है।
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