Kya hai Uttar Pradesh Outsource Seva UPCOS 2025: योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम (UPCOS) को मंजूरी दी है। अब 11 लाख कर्मचारियों को मिलेगा न्यूनतम वेतनमान, जॉब सिक्योरिटी और आरक्षण का लाभ। जानें पूरी जानकारी।
Kya hai Uttar Pradesh Outsource Seva UPCOS 2025: UPCOS योजना 2025 क्या है
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। प्रदेश में लंबे समय से काम कर रहे आउटसोर्स कर्मचारियों की समस्याओं को दूर करने और उन्हें न्याय दिलाने के लिए उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम (UPCOS) का गठन किया गया है। इसका उद्देश्य आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना, उन्हें समय पर वेतन दिलाना और उनके श्रम अधिकारों को सुरक्षित करना है।
उत्तर प्रदेश के 93 विभागों में करीब 11 लाख कर्मचारी आउटसोर्स के माध्यम से काम कर रहे हैं। अब तक इन कर्मचारियों की समस्याओं को सुनने या हल करने के लिए कोई समर्पित तंत्र मौजूद नहीं था। कई बार इन कर्मचारियों को वेतन देर से मिलता था, ईपीएफ और ईएसआई जैसी सुविधाओं से वंचित रहना पड़ता था, और भर्ती में अनियमितताओं की शिकायतें भी आम थीं। इन्हीं दिक्कतों को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने UPCOS के गठन का निर्णय लिया।
Kya hai Uttar Pradesh Outsource Seva UPCOS 2025: क्यों पड़ी UPCOS की जरूरत
आउटसोर्स कर्मचारियों को लेकर शिकायतें लगातार सामने आती रही हैं। कहीं वेतन में कटौती की बात सामने आती थी तो कहीं महीनों तक वेतन भुगतान नहीं होता था। कई कर्मचारियों को ईपीएफ और ईएसआई जैसी कानूनी सुविधाएं नहीं मिल रही थीं। आउटसोर्स एजेंसियों की चयन प्रक्रिया भी बेहद बिखरी हुई थी, जिससे अक्सर भ्रष्टाचार और पक्षपात के आरोप लगते थे।
3 जुलाई को हुई लखनऊ की उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कहा था कि आउटसोर्स कर्मचारियों का शोषण किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसी बैठक में उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम बनाने पर सहमति बनी और अब कैबिनेट मीटिंग में इसे मंजूरी भी मिल गई।
Kya hai Uttar Pradesh Outsource Seva UPCOS 2025: कर्मचारियों को क्या फायदे होंगे
UPCOS के गठन के बाद प्रदेश के 11 लाख आउटसोर्स कर्मचारियों को कई बड़े फायदे मिलेंगे। सबसे अहम फायदा यह होगा कि अब उनका शोषण कोई अधिकारी या ठेकेदार नहीं कर पाएगा। कर्मचारियों को समय पर और सीधे खाते में वेतन मिलेगा।
कर्मचारियों का न्यूनतम वेतनमान 16,000 से 20,000 रुपये तक तय किया गया है। सैलरी हर महीने की पहली से पांच तारीख के बीच उनके बैंक खातों में पहुंच जाएगी। इससे पहले अक्सर वेतन के लिए कर्मचारियों को महीनों इंतजार करना पड़ता था। इसके अलावा कर्मचारियों को महीने में 26 दिन की सेवा देनी होगी, जिससे कार्य दिवस का स्पष्ट निर्धारण होगा।
भर्ती प्रक्रिया भी अब और अधिक पारदर्शी होगी। लिखित परीक्षा के साथ-साथ मौखिक साक्षात्कार भी होंगे। खास बात यह है कि आउटसोर्सिंग भर्तियों में आरक्षण का प्रावधान भी जोड़ा गया है। एससी, एसटी और ओबीसी वर्ग के अभ्यर्थियों को उचित अवसर मिल सकेगा। साथ ही कर्मचारियों को ईपीएफ, ईएसआई और अन्य कानूनी लाभ भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
Kya hai Uttar Pradesh Outsource Seva UPCOS 2025: भर्ती प्रक्रिया और जॉब सिक्योरिटी
UPCOS के तहत भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होगी और किसी भी प्रकार का बाहरी दबाव नहीं चलेगा। जो भी एजेंसियां कर्मचारियों की भर्ती करेंगी, उनका चयन GeM पोर्टल के माध्यम से न्यूनतम तीन साल के लिए किया जाएगा।
कंपनी एक्ट के तहत यह निगम काम करेगा और यदि कोई एजेंसी नियमों का उल्लंघन करती पाई गई तो उसे ब्लैकलिस्ट, डिबार या पेनाल्टी जैसी सज़ा दी जाएगी। इससे कर्मचारियों को शोषण से बचाया जा सकेगा और वे सुरक्षित वातावरण में काम कर सकेंगे।
महिलाओं और ग्रामीण युवाओं के लिए अवसर
UPCOS से सिर्फ शहरों के युवा ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं और महिलाओं को भी बड़ा फायदा मिलेगा। पहले आउटसोर्स नौकरियों तक पहुंच बनाना आसान नहीं था, लेकिन अब जब भर्ती प्रक्रिया पारदर्शी होगी तो गांव-कस्बों से आने वाले योग्य उम्मीदवार भी लाभान्वित होंगे। महिलाओं को भी सुरक्षित और भरोसेमंद तरीके से नौकरी मिल सकेगी।
Kya hai Uttar Pradesh Outsource Seva UPCOS 2025: मौजूदा कर्मचारियों पर असर
UPCOS के गठन का मौजूदा कर्मचारियों की नौकरी पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा। बल्कि, सरकार ने साफ किया है कि मौजूदा कर्मचारियों को उनके अनुभव के आधार पर प्राथमिकता दी जाएगी। इसका मतलब यह है कि जो कर्मचारी पहले से काम कर रहे हैं, वे भी इस नई व्यवस्था के तहत सुरक्षित रहेंगे और उन्हें अपने अधिकारों का लाभ मिलेगा।
Kya hai Uttar Pradesh Outsource Seva UPCOS 2025: यूपी सरकार की मंशा
योगी आदित्यनाथ सरकार ने लगातार यह दिखाया है कि वह युवाओं और कर्मचारियों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री श्री @myogiadityanath जी महाराज ने लखनऊ में आयोजित बैठक में आउटसोर्स सेवा निगम की कार्यप्रणाली, संरचना और दायरे पर विस्तृत समीक्षा की। इस बैठक में मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए और उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम (UPCOS) के गठन को औपचारिक मंजूरी प्रदान की।
यह पहल इस बात का स्पष्ट संकेत है कि सरकार आउटसोर्स कर्मचारियों को असुरक्षा और शोषण से मुक्त कराना चाहती है। यह केवल रोजगार उपलब्ध कराने का कदम नहीं है बल्कि सामाजिक सुरक्षा और आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में भी बड़ा कदम है।
निगरानी व्यवस्था
UPCOS की निगरानी के लिए एक मजबूत व्यवस्था तैयार की गई है। मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स होगा और इसके साथ ही एक महानिदेशक (DG) भी नियुक्त किया जाएगा। मंडल और जिला स्तर पर समितियां बनाई जाएंगी ताकि कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान स्थानीय स्तर पर हो सके।
निष्कर्ष
UPCOS 2025 उत्तर प्रदेश के आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए एक ऐतिहासिक तोहफा है। इससे न केवल कर्मचारियों की आय और सुरक्षा सुनिश्चित होगी बल्कि भर्ती प्रक्रिया भी साफ और निष्पक्ष बनेगी। समय पर वेतन, न्यूनतम वेतनमान, आरक्षण का लाभ, ईपीएफ-ईएसआई जैसी सुविधाएँ और सुरक्षित कार्य वातावरण – ये सभी बातें इस योजना को खास बनाती हैं।
करीब 11 लाख कर्मचारियों को अब वह राहत मिलने वाली है जिसकी उन्हें लंबे समय से उम्मीद थी। यह पहल उत्तर प्रदेश को रोजगार और प्रशासनिक सुधार के क्षेत्र में एक नई दिशा देने वाली साबित होगी।
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