India FASTag 2.0: जानें FASTag 2.0 के नए फीचर्स, फायदे और चुनौतियाँ। अब टोल भुगतान, पार्किंग और फ्यूल पेमेंट होंगे एक ही टैग से। पढ़ें पूरी जानकारी।
India FASTag 2.0: अब क्या बदला है टोल सिस्टम में?
भारत में हर साल लाखों गाड़ियाँ सड़कों पर दौड़ती हैं और इनके साथ ही टोल टैक्स का सिस्टम भी लगातार बदलता और आधुनिक होता जा रहा है। साल 2025 में सरकार ने FASTag 2.0 को लागू करने का ऐलान किया है, जो पुराने FASTag सिस्टम से काफी ज्यादा एडवांस्ड और स्मार्ट है। अब सवाल यह है कि आखिर FASTag 2.0 में नया क्या है, यह आम लोगों के लिए कैसे काम करेगा, और इससे यात्रा के अनुभव में क्या बदलाव आएंगे? आइए इस पूरे बदलाव को विस्तार से समझते हैं।
FASTag क्या है?
FASTag एक इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन सिस्टम है जिसे National Highway Authority of India (NHAI) ने शुरू किया था। इसके जरिए गाड़ियों को टोल प्लाजा पर लंबी लाइनों में रुकना नहीं पड़ता। गाड़ी की विंडस्क्रीन पर लगे RFID (Radio Frequency Identification) टैग को स्कैन करके सीधे आपके बैंक अकाउंट या वॉलेट से टोल का पैसा कट जाता है।
👉 पुराने FASTag सिस्टम ने भारत में हाईवे पर यात्रा को काफी आसान और समय बचाने वाला बनाया। लेकिन इसके बावजूद कुछ कमियाँ सामने आईं, जैसे —
• टोल पर स्कैनिंग की दिक्कत
• नेटवर्क की समस्या
• बैलेंस अपडेट में देरी
• एक ही गाड़ी पर डुप्लीकेट टैग का इस्तेमाल
इन्हीं चुनौतियों को दूर करने के लिए FASTag 2.0 लाया गया है।
FASTag 2.0: क्या नया है?
FASTag 2.0 सिर्फ एक अपग्रेड नहीं बल्कि पूरा स्मार्ट टोल मैनेजमेंट सिस्टम है। इसमें कई नए फीचर जोड़े गए हैं –
- GPS आधारित ट्रैकिंग
o अब सिर्फ RFID स्कैनिंग ही नहीं बल्कि गाड़ी की लोकेशन भी GPS से ट्रैक होगी।
o इससे टोल चोरी और फर्जीवाड़ा खत्म होगा। - ऑटोमैटिक बैलेंस रिचार्ज
o अगर आपके FASTag वॉलेट में बैलेंस खत्म हो रहा है तो यह खुद-ब-खुद linked bank account या UPI से रिचार्ज हो जाएगा।
o अब टोल प्लाजा पर बैलेंस खत्म होने की दिक्कत नहीं। - वन-नेशन वन-फास्टैग
o अब अलग-अलग गाड़ियों या राज्यों के लिए अलग FASTag की जरूरत नहीं।
o पूरे भारत में एक ही टैग काम करेगा, चाहे वह हाईवे हो, स्टेट रोड हो या किसी प्राइवेट टोल पर। - पार्किंग और ईंधन भुगतान
o FASTag 2.0 सिर्फ टोल तक सीमित नहीं रहेगा।
o इससे मेट्रो पार्किंग, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट पार्किंग, पेट्रोल पंप पर फ्यूल पेमेंट भी संभव होगा। - रियल-टाइम अलर्ट और ट्रांजैक्शन हिस्ट्री
o हर भुगतान पर तुरंत SMS और App Notification मिलेगा।
o एक ही प्लेटफ़ॉर्म पर पूरा खर्च हिस्ट्री देखा जा सकेगा।
FASTag 2.0 कैसे काम करेगा?
• गाड़ी पर पहले की तरह RFID टैग लगाया जाएगा।
• टोल प्लाजा पर लगे कैमरे और GPS सिस्टम गाड़ी को ट्रैक करेंगे।
• सिस्टम अपने आप तय करेगा कि कौन सी गाड़ी ने कितना टोल देना है।
• आपके वॉलेट या बैंक अकाउंट से तुरंत पैसा कट जाएगा।
India FASTag 2.0: से क्या फायदे होंगे?
✅ लंबी लाइनों से मुक्ति – गाड़ी बिना रुके टोल पार कर सकेगी।
✅ समय और ईंधन की बचत – कम रुकावट मतलब कम फ्यूल खर्च।
✅ डिजिटल ट्रैकिंग – हर गाड़ी और हर ट्रांजैक्शन का रिकॉर्ड रहेगा।
✅ फर्जीवाड़ा खत्म – डुप्लीकेट टैग या नकली ट्रांजैक्शन नहीं हो पाएंगे।
✅ पार्किंग और फ्यूल पेमेंट – अलग-अलग कार्ड या ऐप की जरूरत नहीं।
FASTag 2.0 की चुनौतियाँ
हालांकि ये सिस्टम काफी एडवांस्ड है, लेकिन इसके साथ कुछ चुनौतियाँ भी सामने आ सकती हैं –
• नेटवर्क और GPS कनेक्टिविटी – कई हाईवे और गाँव वाले क्षेत्रों में इंटरनेट की समस्या हो सकती है।
• यूजर की जागरूकता – हर व्यक्ति स्मार्टफोन या ऑनलाइन पेमेंट में सहज नहीं है।
• साइबर सिक्योरिटी – डिजिटल सिस्टम के साथ डेटा प्राइवेसी और हैकिंग का रिस्क भी बढ़ता है।
आम जनता की राय
कई यात्रियों ने कहा कि अगर FASTag 2.0 सही से काम करता है तो यह भारत की सड़कों पर एक क्रांतिकारी बदलाव होगा।
ट्रक ड्राइवर और लंबी दूरी तय करने वाले लोग मानते हैं कि इससे सड़क पर समय की बचत होगी और लॉजिस्टिक्स इंडस्ट्री को भी बड़ा फायदा मिलेगा।
India FASTag 2.0: भविष्य में FASTag 2.0 का असर
- पूरी तरह कैशलेस इंडिया की ओर एक और कदम।
- ट्रांसपेरेंट सिस्टम – गाड़ियों की ट्रैकिंग और फर्जीवाड़ा खत्म।
- स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से जुड़कर ट्रैफिक मैनेजमेंट आसान होगा।
- गाड़ियों की रियल- टाइम मूवमेंट से रोड सेफ्टी और ट्रैफिक रिसर्च को फायदा।
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