इन्वेस्टमेंट प्रूफ जनवरी और फरवरी के महीने में अपने एंपलॉयर को जमा करने वाले डाक्यूमेंट्स है जो की सैलरी से अनावश्यक टैक्स डिडक्शन रोकने के लिए जरूरी होते हैं। इस प्रोसेस में कई बार लोग जल्दबाजी में कुछ गलतियां कर बैठते हैं जिसकी वजह से उनका ज्यादा टैक्स कट जाता है। साथ ही बाद में रिफंड क्लेम करनें के लिए भी उन्हें लंबा प्रोसेस फॉलो करना पड़ता है।
क्या है जरूरी बातें जिन्हें फॉलो करके आप इन्वेस्टमेंट प्रूफ जमा करने में किसी भी तरह की गलती से बच सकते हैं।
Investment Proposals: किन बातों का रखें ध्यान ?
जनवरी-फरवरी में जमा किए गए इन्वेस्टमेंट प्रूफ के आधार पर आपकी सैलरी से टैक्स कटा जाता है। लेकिन आपका एंपलॉयर आपसे आने वाले फाइनेंशियल ईयर के लिए भी इन्वेस्टमेंट प्रपोज मांग सकता है जिसमें आपको यह बताना होगा कि आप आने वाले वर्ष में कहां और कितना निवेश करने का प्लान बना रहे हैं।
इसीलिए अगर आप पहले से ही सही इन्वेस्टमेंट प्लैनिंग कर लेते हैं तो इससे आप टैक्स बचाने के साथ-साथ बाकी असुविधाओं से भी सुरक्षित रहेंगे। इस प्रक्रिया में आपको यह भी डिसाइड करना होगा कि आप पुराना टैक्स रेज़िम चूज करते हैं या नए टैक्स रेज़िम के साथ टैक्स भरेंगे।
अगर आपके डॉक्यूमेंट में कोई गलती है तो कंपनी आपके इन्वेस्टमेंट को मान्य नहीं करेगी जिससे आपके सैलरी से ज्यादा टैक्स काटा जा सकता है। इसीलिए डॉक्यूमेंट जमा करते समय ध्यान रखें कि इसमें कोई पुरानी या एक्सपायर रसीद किराए की नकली रसीद अन्य कोई इनवेलिड डॉक्यूमेंट ना हो।
Tax Planning: कैसे बचा सकते हैं टैक्स ?
- Section 80C: टैक्स बचाने के लिए सबसे इंपॉर्टेंट सेक्शन 80C है जिसमें आप 1.5 लाख रुपए तक का
टैक्स बेनिफिट ले सकते हैं। - Tuition Fees: बच्चों की पढ़ाई पर खर्च की गई राशि पर भी 80C के तहत टैक्स में छूट मिलती है।
- सुकन्या समृद्धि योजना: अगर आपकी बेटी है, तो यह योजना टैक्स सेविंग के साथ-साथ भविष्य के लिए
अच्छी बचत का भी एक अच्छा माध्यम है। - फिक्स्ड डिपॉजिट (FD): कुछ बैंक 5 साल के टैक्स-सेविंग एफडी की सुविधा देते हैं, जो 80C के तहत टैक्स
बचाने में मदद करता है। - पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF): इसमें आप उच्च ब्याज दरों पर लंबी अवधि के लिए इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं।
- Home Loan: अगर आपने होम लोन लिया है तो उसके प्रिंसिपल पर लगने वाले इंटरेस्ट के अगेंस्ट आप
टेक्स्ट छूट का लाभ ले सकते हैं। - ELSS: इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) में भी इन्वेस्ट करके आप टैक्स सेविंग के साथ-साथ अच्छा
रिटर्न ले सकते हैं। - Tax Planning Timeline: क्या है सही समय ?
- कई लोग फाइनेंशियल ईयर के लास्ट में लाइफ इंश्योरेंस खरीद कर 80C का बेनिफिट लेने की कोशिश
करते हैं यह सबसे आम गलतियों में एक है। इसके बजाय आप NPS, EPF, ट्यूशन फी और हेल्थ इंश्योरेंस
जैसी स्कीम्स में इन्वेस्ट करके टैक्स बचाने का बेहतर विकल्प चुन सकते हैं। - अगर आप सही योजना और रणनीति के साथ इन्वेस्टमेंट प्रूफ जमा करते हैं, तो आप अनावश्यक टैक्स की
कटौती से बच सकते हैं। साथ ही, सरकार द्वारा मिलने वाले सभी टैक्स बेनिफ़िट का पूरा फायदा भी उठा
सकते हैं। टैक्स बचाने के लिए पहले से प्लानिंग करें और सभी प्रूफ समय पर जमा करें, ताकि आपको
वित्तीय परेशानी का सामना न करना पड़े।
Source: Dabang Khabar