Green India ki taraf ek bada kadam: इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती लोकप्रियता:
पर्यावरण के लिए एक सकारात्मक बदलाव:
इलेक्ट्रिक वाहनों का बढ़ता क्रेज भारत को pollution free और Clean energy आधारित transport system की ओर ले जा रहा है। पारंपरिक पेट्रोल और डीजल वाहनों की तुलना में इलेक्ट्रिक वाहन, न केवल कार्बन उत्सर्जन को कम करते हैं, बल्कि लंबे समय में यह एकॉनोमिक्ली रूप से भी अधिक किफायती साबित हो रहे हैं। सरकार भी इस बदलाव को तेजी से अपनाने के लिए विभिन्न प्रोत्साहन योजनाएं चला रही है, जिसमें इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सब्सिडी देना, चार्जिंग स्टेशन का विस्तार और बैटरी तकनीक में सुधार शामिल हैं।
हाल ही में जारी आंकड़े:
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की डिमांड लगातार बढ़ रही है और यह देश को ग्रीन और क्लीन फ्यूचर की ओर ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 में भारत में 19.5 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री दर्ज की गई, जो कुल वाहनों की बिक्री का 7.31% है। यह आंकड़ा 2014-15 में मात्र 0.01% था, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि इलेक्ट्रिक वाहनों की लोकप्रियता में जबरदस्त उछाल आया है।

इलेक्ट्रिक वाहनों के बढ़ते फायदे:
ईंधन की बचत: पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के मुकाबले, इलेक्ट्रिक वाहन अधिक किफायती होते जा रहे हैं।
पर्यावरण संरक्षण: इलेक्ट्रिक वाहन वायु प्रदूषण को कम कर पर्यावरण की रक्षा करने में सहायक हैं।
सरकारी समर्थन: सरकार की ओर से FAME (Faster Adoption and Manufacturing of Hybrid and Electric Vehicles) जैसी योजनाएं इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने में सहायक हैं।
टेक्नोलॉजिकल प्रोग्रेस: ईवी का चलन बढ़ाने के लिए बैटरी टेक्नोलॉजी को बेहतर बनाया जा रहा है और चार्जिंग स्टेशनों की संख्या बढ़ाई जा रही है।
भविष्य की संभावनाएं:
जैसे-जैसे टेक्निक्स में सुधार हो रहा है और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार किया जा रहा है, भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग, और बढ़ने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगले कुछ वर्षों में इलेक्ट्रिक वाहन, बाजार के एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर लेंगे, जिससे भारत में ऊर्जा की खपत और पर्यावरणीय संतुलन बेहतर होगा।
निष्कर्ष:
इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती लोकप्रियता भारत को एक स्थायी और हरित भविष्य की ओर ले जा रही है। यह बदलाव न केवल पर्यावरण के लिए बल्कि आम नागरिकों के लिए भी लाभकारी साबित हो रहा है। सरकार और जनता की साझेदारी से यह आंदोलन और अधिक मजबूत होगा और भारत को स्वच्छ ऊर्जा अपनाने वाले देशों की लीडिंग लिस्ट में स्थान दिलाएगा।