EV Market Boom The Future of Electric Vehicles: भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की तेजी से बढ़ती लोकप्रियता और सरकार का सहयोग!
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की बिक्री में पिछले कुछ वर्षों में जबरदस्त उछाल देखा गया है। 2024 में, कुल 19.5 लाख इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री दर्ज की गई, जो देश में कुल वाहन बिक्री का 7.44% हिस्सा है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की गति कितनी तेज़ी से बढ़ रही है।
इलेक्ट्रिक वाहनों की बढ़ती मांग के, कारण
- फ्यूल्स की बढ़ती कीमतें: पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के कारण लोग अब इलेक्ट्रिक वाहनों की ओर रुख कर रहे हैं।
- सरकारी प्रोत्साहन: सरकार की ओर से दी जा रही सब्सिडी और कर में छूट लोगों को EV खरीदने के लिए प्रेरित कर रही है।
- Environmental बेनिफिट्स: इलेक्ट्रिक वाहन कार्बन उत्सर्जन को कम करते हैं, जिससे पर्यावरण को बचाने में मदद मिलती है।
- टेक्नोलॉजी में सुधार: बैटरियों की क्षमता में बढ़ोतरी और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार ने EV को ज्यादा सुविधाजनक बना दिया है।

2015 से 2024 तक EV बिक्री का बढ़ता प्रतिशत (year wise details):
वर्ष | कुल वाहन बिक्री | इलेक्ट्रिक वाहन बिक्री | EV की हिस्सेदारी (%) |
2014-15 | – | – | 0.01% |
2023 | 2,30,40,405 | 10,22,994 | 4.44% |
2024 | 2,62,07,453 | 19,50,490 | 7.44% |
लोकसभा में उठाए गए एक प्रश्न के लिखित उत्तर में, भारी उद्योग मंत्री भूपतिराजू श्रीनिवास ने बताया कि कैलेंडर वर्ष 2024 में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के ई-वाहन पोर्टल पर पंजीकृत 2,62,07,453 वाहनों में से 19,50,490 इलेक्ट्रिक वाहन थे। यह दर्शाता है कि भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की अक्सेप्टबिलिटी तेजी से बढ़ रही है और conventional fuel व्हीकल्स के मुकाबले EVs की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है।
सरकार की भूमिका और सहयोग
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए भारत सरकार ने कई महत्वपूर्ण योजनाएं लागू की हैं –
✅ FAME-II योजना: सरकार ने चार्जिंग स्टेशनों के विकास के लिए ₹839 करोड़ का बजट तय किया है। इससे देशभर में इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूती मिलेगी।
✅ PM E-DRIVE योजना: इस योजना के तहत ₹2,000 करोड़ की राशि, इलेक्ट्रिक चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए निर्धारित की गई है, जिससे लोगों को चार्जिंग फीचर्स की अधिक अवेलेबिलिटी मिले।
✅ EV चार्जिंग दिशा-निर्देश: विद्युत मंत्रालय (MoP) ने “इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर-2024, की इंस्टालेशन और ऑपरेशन के लिए दिशानिर्देश” जारी किए हैं। ये दिशानिर्देश देश में EV चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर नेटवर्क की स्थापना के लिए मानकों और प्रोटोकॉल की रूपरेखा तैयार करते हैं।
✅ बैटरी स्वैपिंग और चार्जिंग स्टेशन दिशा- निर्देश: 10 जनवरी 2025 को विद्युत मंत्रालय ने “बैटरी स्वैपिंग और चार्जिंग स्टेशनों की इंस्टालेशन और ऑपरेशन के लिए दिशानिर्देश” भी जारी किए हैं। इसका उद्देश्य देश में मजबूत EV चार्जिंग बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर की सुविधा प्रदान करना है, जिससे इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग अधिक इजी और फ़ास्ट हो सके।

EV चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का एक्सपांशन:
भारत में EV को अपनाने की रफ्तार बढ़ाने के लिए चार्जिंग स्टेशनों का विस्तार बेहद जरूरी है। कई निजी और सरकारी कंपनियां, इस दिशा में तेजी से काम कर रही हैं। प्रमुख शहरों में फास्ट चार्जिंग स्टेशन लगाए जा रहे हैं, जिससे लोग लंबी दूरी की यात्रा भी आसानी से कर सकें।
भविष्य में इलेक्ट्रिक वाहनों की संभावनाएं
- EV की कीमतों में गिरावट: जैसे-जैसे उत्पादन बढ़ेगा, EV की कीमतें कम होने की उम्मीद है, जिससे ज्यादा लोग इसे खरीद पाएंगे।
- रेंज में सुधार: नई बैटरी तकनीक के चलते EV की रेंज में सुधार होगा, जिससे एक बार चार्ज करने पर ज्यादा दूरी तय की जा सकेगी।
- चार्जिंग टाइम में कमी: एडवांस बैटरी चार्जिंग तकनीक से EV को चार्ज करने में कम समय लगेगा, जिससे लोगों को ज्यादा सुविधा मिलेगी।
- सरकार की नई योजनाएं: अगले कुछ वर्षों में सरकार और ज्यादा अनुकूल नीतियां ला सकती है, जिससे EV सेक्टर और तेजी से बढ़ेगा।
सरकार की नीतियों और लोगों में बढ़ती जागरूकता के चलते, भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग तेजी से बढ़ रही है। फ्यूल्स की बढ़ती कीमतों और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए, ग्रीन एनर्जी की ओर बढ़ते कदम और सरकारी सहायता से, आने वाले वर्षों में EVs की संख्या में और बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। आने वाले समय में भारत दुनिया के लीडिंग इलेक्ट्रिक वाहन बाजारों में शामिल हो सकता है।