Adi Karmayogi Abhiyan Chhattisgarh 2025: छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर 17 सितंबर से 2 अक्टूबर 2025 तक “आदि कर्मयोगी अभियान” चलाया जाएगा। इस दौरान 28 जिलों के 6,650 आदिवासी बहुल ग्रामों में आदिवासी सेवा केंद्र, प्रशिक्षण और शिकायत निवारण शिविर के माध्यम से योजनाओं का धरातलीय क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ में आदिवासी समाज लंबे समय से राज्य की सांस्कृतिक धरोहर और जीवनधारा का हिस्सा रहा है। पहाड़ी और वन क्षेत्रों में बसे इन समुदायों को अक्सर शहरी सुविधाओं और सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ नहीं मिल पाता। इसी कमी को दूर करने और जनजातीय परिवारों तक योजनाओं का असरदार क्रियान्वयन पहुँचाने के लिए राज्य में “आदि कर्मयोगी अभियान” शुरू किया जा रहा है।
यह अभियान 17 सितंबर 2025 से शुरू होकर 2 अक्टूबर 2025 तक चलेगा। इस अवधि को ‘सेवा पर्व’ और ‘समर्पण सप्ताह’ जैसे आयोजनों के रूप में मनाया जाएगा, ताकि गाँव-गाँव में जागरूकता और भागीदारी बढ़ सके।
Adi Karmayogi Abhiyan Chhattisgarh 2025: अभियान की अवधि और क्षेत्र
अभियान का दायरा बहुत बड़ा है। इसमें राज्य के सभी 28 जिलों, 128 विकासखंडों और 6650 जनजातीय बहुल गाँवों को शामिल किया गया है। यानी यह सिर्फ कागजों में चलने वाला कार्यक्रम नहीं होगा बल्कि सीधे जमीनी स्तर तक पहुँचने वाला अभियान होगा।
हर गाँव में स्थानीय लोगों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए 1.33 लाख से अधिक कैडर तैयार किए जाएंगे। इनमें युवा, पंचायत प्रतिनिधि, स्वयंसेवी संगठन और समाजसेवी शामिल होंगे। इनका काम योजनाओं को गाँव के हर परिवार तक पहुँचाना होगा।
आदि सेवा केंद्र की स्थापना
इस अभियान का सबसे अहम हिस्सा है “आदि सेवा केंद्र”। यह केंद्र हर चयनित गाँव में स्थापित किए जाएंगे। यहाँ ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं से जुड़ी सभी जानकारियाँ और सेवाएँ एक ही छत के नीचे मिलेंगी।
इन केंद्रों पर शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, महिला सशक्तिकरण और बुनियादी ढांचे से जुड़ी समस्याओं के समाधान की दिशा में कार्य होगा। साथ ही, यह केंद्र जनभागीदारी को बढ़ावा देंगे और ग्रामीणों को अपनी जरूरतों के अनुरूप विकास योजनाओं में सुझाव देने का मौका भी देंगे।
Adi Karmayogi Abhiyan Chhattisgarh 2025: प्रशिक्षण और जनजागरूकता
अभियान को सफल बनाने के लिए राज्य, जिला, ब्लॉक और गाँव स्तर पर चरणबद्ध प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इनमें चयनित कैडर और वालंटियर्स को योजनाओं की जानकारी, शिकायत निवारण की प्रक्रिया और ग्राम विकास योजनाओं के निर्माण का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इसके साथ ही जनजागरूकता अभियान भी चलाया जाएगा। गाँवों में नुक्कड़ नाटक, सांस्कृतिक कार्यक्रम और रैलियों के जरिए लोगों को बताया जाएगा कि उन्हें कौन-कौन सी योजनाओं का सीधा लाभ मिल सकता है और इसके लिए उन्हें क्या करना होगा।
Adi Karmayogi Abhiyan Chhattisgarh 2025: ग्राम विकास और ट्राइबल विलेज विज़न 2030
अभियान का एक और अनोखा पहलू है “ट्राइबल विलेज विज़न 2030”। इसके तहत हर गाँव का दीर्घकालिक विकास रोडमैप तैयार किया जाएगा। इसमें सड़क, बिजली, स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल, आवास और रोजगार जैसी मूलभूत आवश्यकताओं को शामिल किया जाएगा।
इस विज़न डॉक्यूमेंट के जरिए यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आने वाले वर्षों में जनजातीय गाँव भी शहरी क्षेत्रों की तरह विकसित हों और उनकी बुनियादी ज़रूरतों में कोई कमी न रहे।
शिकायत निवारण शिविर और सेवा पर्व – आदिवासी समाज के लिए संभावित लाभ
अभियान के दौरान गाँवों में शिकायत निवारण शिविर लगाए जाएंगे, जहाँ ग्रामीण अपनी समस्याओं को सीधे अधिकारियों और कैडर के सामने रख सकेंगे। इससे समस्याओं का समाधान तेज़ी से होगा और पारदर्शिता बढ़ेगी।
साथ ही “आदिवासी सेवा दिवस” का आयोजन किया जाएगा। इस दिन विशेष कार्यक्रम होंगे, जिनमें आदिवासी समाज की संस्कृति, परंपराएँ और योगदान को सम्मान दिया जाएगा। इससे न सिर्फ विकास योजनाओं का लाभ मिलेगा बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक जुड़ाव भी मज़बूत होगा।
Adi Karmayogi Abhiyan Chhattisgarh 2025: आदिवासी समाज के लिए संभावित लाभ
- शिक्षा – जनजातीय बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और छात्रवृत्ति योजनाओं की जानकारी मिलेगी।
- स्वास्थ्य – प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएँ, टीकाकरण और पोषण योजनाओं का सीधा लाभ गाँवों तक पहुँचेगा।
- रोज़गार – स्वरोज़गार योजनाओं, कौशल विकास और लघु उद्योगों के लिए सहयोग उपलब्ध कराया जाएगा।
- महिला सशक्तिकरण – महिला स्व-सहायता समूहों को मज़बूती मिलेगी और वित्तीय सहायता उपलब्ध होगी।
- बुनियादी ढाँचा – सड़क, बिजली, पानी और आवास जैसी सुविधाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
भविष्य की दिशा
यह अभियान सिर्फ एक पखवाड़े का आयोजन भर नहीं है, बल्कि यह आने वाले वर्षों में जनजातीय समाज के जीवन स्तर को ऊँचा उठाने की ठोस नींव रखेगा। सरकार का उद्देश्य है कि आदिवासी समाज आत्मनिर्भर बने और योजनाओं का लाभ सीधे उनके हाथों तक पहुँचे।
“आदि कर्मयोगी अभियान” से उम्मीद है कि छत्तीसगढ़ के दूरस्थ गाँवों तक शासन की पहुँच आसान होगी और विकास का दायरा व्यापक बनेगा।
निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ का “आदि कर्मयोगी अभियान” न सिर्फ एक सरकारी पहल है, बल्कि यह जनभागीदारी, सेवा और समर्पण का संगम है। इससे आदिवासी समाज की दशा और दिशा बदलने की संभावना है। यह अभियान विकास की मुख्यधारा से अब तक दूर रहे गाँवों में नई ऊर्जा और उम्मीद लेकर आ रहा है।
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