Pradhan Mantri Shram Yogi Maandhan Yojana 2025: जानिए प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PM-SYM) के तहत कौन से श्रमिक ₹3000 मासिक पेंशन पा सकते हैं, कैसे करें रजिस्ट्रेशन, क्या हैं फायदे और शर्तें।
भारत की अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा असंगठित क्षेत्र पर टिका है। सड़क किनारे ठेला लगाने वाला, खेतों में काम करने वाला मज़दूर, ईंट-भट्ठे में काम करने वाले हाथ, घरों में झाड़ू-पोंछा करने वाली महिलाएं – ये सभी हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी का अहम हिस्सा हैं। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब ऐसे श्रमिक बुढ़ापे की ओर बढ़ते हैं, तब उनका सहारा कौन होता है? इसी चिंता को देखते हुए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (PM-SYM) की शुरुआत की, ताकि असंगठित श्रमिकों को भी बुढ़ापे में पेंशन का सहारा मिल सके।
Pradhan Mantri Shram Yogi Maandhan Yojana 2025: क्या है प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना?
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना केंद्र सरकार की एक पेंशन स्कीम है, जिसके तहत असंगठित क्षेत्र के वे श्रमिक जो 18 से 40 वर्ष की उम्र के बीच हैं और जिनकी मासिक आय ₹15,000 या उससे कम है, उन्हें 60 साल की उम्र पूरी होने के बाद ₹3000 प्रतिमाह की पेंशन दी जाएगी।
सरकार का मकसद है कि समाज का कोई भी गरीब तबका बुढ़ापे में असुरक्षित महसूस न करे।
Pradhan Mantri Shram Yogi Maandhan Yojana 2025: किन श्रमिकों को मिलेगा लाभ?
इस योजना का दायरा बहुत व्यापक है। इसमें वे लोग शामिल हैं जो रोज़ाना मेहनत-मज़दूरी करके परिवार चलाते हैं। जैसे –
• रिक्शा चालक और ठेला खींचने वाले
• घरेलू कामगार और धोबी
• मिड-डे मील कार्यकर्ता
• खेतिहर मज़दूर और भूमिहीन किसान
• मोची, कूड़ा बीनने वाले, चाय बागान श्रमिक
• दिहाड़ी मजदूर, निर्माण कार्य में लगे श्रमिक
• बीड़ी बनाने वाले, हथकरघा और चमड़ा उद्योग से जुड़े श्रमिक
लेकिन ध्यान रहे – इस योजना का लाभ उन्हें ही मिलेगा जो आयकर दाता नहीं हैं और पहले से EPFO, ESIC या NPS जैसी किसी अन्य पेंशन योजना के दायरे में नहीं आते।
Pradhan Mantri Shram Yogi Maandhan Yojana 2025: योजना की मुख्य विशेषताएँ
- न्यूनतम पेंशन की गारंटी – हर पंजीकृत श्रमिक को 60 वर्ष की उम्र के बाद हर महीने ₹3000 पेंशन।
- परिवार को सहारा – पेंशनधारी की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी/पति को पेंशन का आधा हिस्सा परिवार पेंशन के रूप में मिलेगा।
- सरकार की बराबर की भागीदारी – जितना अंशदान श्रमिक करेगा, उतना ही अंशदान केंद्र सरकार भी करेगी।
- लचीले नियम – किसी कारणवश बीच में योजना छोड़ने पर भी जमा राशि और ब्याज श्रमिक या उसके परिवार को वापस मिल सकता है।
Pradhan Mantri Shram Yogi Maandhan Yojana 2025: योगदान कितना देना होगा?
इस योजना को सहभागी पेंशन योजना कहा जाता है, यानी श्रमिक और सरकार दोनों बराबर अंशदान करते हैं।
उदाहरण के लिए:
• अगर कोई व्यक्ति 18 साल की उम्र में योजना से जुड़ता है, तो उसे हर महीने ₹55 देने होंगे और सरकार भी ₹55 देगी।
• अगर 29 साल की उम्र में जुड़ते हैं, तो हर महीने ₹100 देने होंगे और सरकार भी उतना ही जोड़ेगी।
• 40 साल की उम्र में जुड़ने वाले को ₹200 प्रति माह का योगदान करना होगा।
यह योगदान 60 साल की उम्र तक देना होता है। उसके बाद श्रमिक को आजीवन ₹3000 प्रतिमाह पेंशन मिलेगी।
Pradhan Mantri Shram Yogi Maandhan Yojana 2025: नामांकन की प्रक्रिया
योजना से जुड़ना बेहद आसान है।
- श्रमिक के पास आधार कार्ड, बैंक खाता/जनधन खाता और मोबाइल नंबर होना जरूरी है।
- पास के कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) पर जाकर आधार और बैंक डिटेल्स के साथ आवेदन कर सकते हैं।
- पहला योगदान वहीं नकद जमा करके पंजीकरण की पावती मिल जाएगी।
- आगे की किश्तें सीधे बैंक खाते से ऑटो-डेबिट के ज़रिए कटेंगी।
- जल्द ही श्रमिक खुद भी PM-SYM पोर्टल या मोबाइल ऐप के जरिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं।
कहां से मिलेगी जानकारी और मदद?
• सभी LIC ऑफिस, EPFO/ESIC दफ्तर और श्रम विभाग के दफ्तरों में इस योजना की जानकारी देने के लिए हेल्प डेस्क बनाए गए हैं।
• यहाँ से श्रमिकों को ब्रोशर, फार्म और मार्गदर्शन दिया जाता है।
• पंजीकरण में किसी भी तरह की दिक्कत आने पर टोल-फ्री नंबर 1800 267 6888 पर 24×7 सहायता उपलब्ध है।
फंड प्रबंधन
इस योजना का संचालन श्रम और रोजगार मंत्रालय करता है। जबकि भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) को पेंशन फंड मैनेजर नियुक्त किया गया है। LIC यह सुनिश्चित करता है कि जब श्रमिक 60 साल के हों, तो उन्हें समय पर पेंशन मिल सके।
Pradhan Mantri Shram Yogi Maandhan Yojana 2025: निकासी और लचीलापन
सरकार ने इस योजना को श्रमिकों की अस्थिर आय को ध्यान में रखते हुए काफी लचीला बनाया है।
• 10 साल से पहले योजना छोड़ने पर – केवल श्रमिक का योगदान और ब्याज वापस मिलेगा।
• 10 साल बाद योजना छोड़ने पर – योगदान और वास्तविक ब्याज या बचत बैंक ब्याज दर (जो अधिक हो) वापस मिलेगी।
• 60 साल से पहले मृत्यु होने पर – जीवनसाथी योजना को आगे जारी रख सकता है या योगदान के साथ ब्याज वापस ले सकता है।
• स्थायी दिव्यांगता की स्थिति में भी परिवार को वही विकल्प मिलते हैं।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना 2025 New Update: योजना का महत्व
भारत में करोड़ों असंगठित श्रमिक हर दिन मेहनत तो करते हैं, लेकिन बुढ़ापे में उनकी जिंदगी असुरक्षा से घिर जाती है। श्रम योगी मानधन योजना इन श्रमिकों के लिए सम्मानजनक बुढ़ापे का सहारा बन रही है।
यह योजना सिर्फ पेंशन नहीं देती, बल्कि यह संदेश भी देती है कि देश के विकास में जितना हक बड़े उद्योगपतियों का है, उतना ही हक रिक्शा चलाने वाले या खेतों में काम करने वाले श्रमिक का भी है।
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