Pradhan Mantri Bhartiya Janaushadhi Kendra 2025: प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र योजना 2025 के तहत देशभर में जेनेरिक दवाएं ब्रांडेड दवाओं से 90% तक सस्ती उपलब्ध। जानें आवेदन प्रक्रिया, पात्रता और लाभ।
हर नागरिक तक सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाओं की पहुंच
आज के समय में महंगी दवाओं और बढ़ते मेडिकल खर्च ने गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों की कमर तोड़ दी है। किसी घर का एक सदस्य बीमार पड़ जाए तो पूरा बजट बिगड़ जाता है। यही सोचकर केंद्र सरकार ने एक ऐसी योजना की शुरुआत की, जिससे हर नागरिक को कम कीमत पर उच्च गुणवत्ता वाली दवाइयाँ मिल सकें। इस योजना का नाम है “प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र” (PMBJK)।
इस पहल के पीछे प्रधानमंत्री का यही विज़न है कि स्वास्थ्य सेवाएं किसी विलासिता का साधन नहीं, बल्कि हर नागरिक का अधिकार होनी चाहिए।
Pradhan Mantri Bhartiya Janaushadhi Kendra 2025: प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र क्या है?
प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी योजना है जिसके तहत देशभर में जनऔषधि केंद्र खोले जा रहे हैं। इन केंद्रों पर मरीजों को ब्रांडेड दवाइयों के मुकाबले 50 से 90 प्रतिशत तक सस्ती जेनेरिक दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। ये दवाइयां गुणवत्ता में बिल्कुल समान होती हैं, लेकिन इनके दाम आम लोगों की जेब के हिसाब से तय किए गए हैं। इस योजना का उद्देश्य महंगी दवाओं के बोझ से जनता को राहत दिलाना, स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाना और बेरोजगार युवाओं को रोजगार का अवसर देना है।
💊 Pradhan Mantri Bhartiya Janaushadhi Kendra 2025: जेनेरिक दवाइयां क्या होती हैं?
अक्सर लोगों के मन में सवाल आता है कि जेनेरिक दवाएं सुरक्षित होती हैं या नहीं। इसका उत्तर है हाँ। जेनेरिक दवाइयाँ वही दवाइयाँ होती हैं जो ब्रांडेड कंपनियाँ बनाती हैं। फर्क केवल इतना होता है कि जेनेरिक दवा पर किसी कंपनी का बड़ा ब्रांड नाम नहीं लिखा होता और इसका प्रचार-प्रसार भी नहीं किया जाता। इसी वजह से इनकी कीमत कम होती है। भारत सरकार हर जेनेरिक दवा की गुणवत्ता, प्रभाव और सुरक्षा की कड़ी जांच करती है, तभी इन्हें जनऔषधि केंद्र पर बेचा जाता है।
Pradhan Mantri Bhartiya Janaushadhi Kendra 2025: योजना का विस्तार और उपलब्धियां
इस योजना के तहत अब तक देशभर में 11,000 से अधिक जनऔषधि केंद्र खोले जा चुके हैं। ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में इन केंद्रों की पहुँच लगातार बढ़ाई जा रही है। अब तक करोड़ों मरीजों को सस्ती दवाइयों से फायदा मिला है। मेडिकल स्टोर खोलने वाले युवाओं को भी आर्थिक और सामाजिक दोनों लाभ मिल रहे हैं।
लाभ (Benefits of Janaushadhi Kendra)
जनऔषधि केंद्र से जनता को किफायती दवाइयाँ मिल रही हैं। ब्रांडेड दवा की जगह 50 से 90 प्रतिशत कम कीमत पर जेनेरिक दवा उपलब्ध हो रही है, जिससे गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को लाखों रुपये की बचत हो रही है। यह स्वास्थ्य सेवाओं को हर नागरिक तक सुलभ बनाने का एक बड़ा कदम है।
वहीं उद्यमियों और फार्मासिस्ट के लिए यह योजना रोजगार का अवसर लेकर आई है। कोई भी योग्य व्यक्ति इस योजना के तहत स्टोर खोल सकता है और सरकार की ओर से वित्तीय सहायता व इंसेंटिव भी दिया जाता है। इसके साथ ही समाज के गरीब और जरूरतमंद मरीजों की मदद करने का संतोष भी मिलता है।
Pradhan Mantri Bhartiya Janaushadhi Kendra 2025: कौन खोल सकता है जनऔषधि केंद्र? (Eligibility)
जनऔषधि केंद्र खोलने के लिए बी.फार्मा (B. Pharma) या डी.फार्मा (D. Pharma) की डिग्री होना आवश्यक है। यदि आवेदक स्वयं फार्मासिस्ट नहीं है तो उसे एक योग्य फार्मासिस्ट रखना अनिवार्य है। कोई भी व्यक्ति, NGO, ट्रस्ट, निजी अस्पताल या चैरिटेबल संस्था आवेदन कर सकती है। शर्त यह है कि स्थान लोगों की आसान पहुँच में होना चाहिए।
सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता (Financial Support)
भारत सरकार जनऔषधि केंद्र खोलने वालों को आर्थिक मदद भी देती है। 2.5 लाख रुपये तक की सहायता राशि प्रदान की जाती है। शुरुआती 1 लाख रुपये शेल्फ, कंप्यूटर और फर्नीचर पर खर्च करने के लिए दिए जाते हैं, जबकि शेष राशि दवाओं के शुरुआती स्टॉक के लिए दी जाती है। इसके अलावा केंद्र चलाने वालों को हर महीने इंसेंटिव भी दिया जाता है।
आवेदन प्रक्रिया (How to Apply for Janaushadhi Kendra)
यदि आप भी यह केंद्र खोलना चाहते हैं तो इसकी प्रक्रिया सरल है:
- ऑनलाइन आवेदन –
o जनऔषधि की आधिकारिक वेबसाइट (janaushadhi.gov.in) पर जाएं।
o “Apply for PMBJK” विकल्प चुनें। - दस्तावेज अपलोड करें –
o आधार कार्ड, पैन कार्ड
o शैक्षणिक योग्यता (B. Pharma/D. Pharma प्रमाणपत्र)
o दुकान/स्थान का किराया एग्रीमेंट या रजिस्ट्री
o फोटोग्राफ और बैंक डिटेल्स - वेरिफिकेशन और अप्रूवल –
o आवेदन की जांच के बाद आपको अप्रूवल मिलेगा।
o इसके बाद दवा की सप्लाई और दुकान शुरू करने की अनुमति दी जाएगी।
समाज पर प्रभाव
प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र ने एक स्वास्थ्य क्रांति की शुरुआत की है।
• गरीब और ग्रामीण मरीज अब महंगी दवाइयों के बजाय सस्ती जेनेरिक दवा ले सकते हैं।
• इससे स्वास्थ्य सेवाओं में समानता आई है।
• युवाओं को रोजगार और उद्यमिता के नए अवसर मिले हैं।
भारत में यह योजना “सस्ता इलाज – सबका अधिकार” के संकल्प को साकार कर रही है।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र योजना ने साबित कर दिया है कि यदि इच्छाशक्ति मजबूत हो तो कोई भी बदलाव संभव है। यह केवल सस्ती दवाइयाँ उपलब्ध कराने की योजना नहीं, बल्कि स्वास्थ्य, रोजगार और समानता की दिशा में एक ठोस कदम है। यदि आप योग्य हैं और समाज के लिए कुछ करना चाहते हैं, तो यह योजना आपके लिए अवसर भी है और जिम्मेदारी भी।
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