Navarna Maha Mantra Sadhana 2025: नवार्ण मंत्र (|| ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे ||) देवी दुर्गा का सर्वोच्च महामंत्र है। यह साधना माँ महालक्ष्मी, महासरस्वती और महाकाली के साथ 9 ग्रहों को शांत कर जीवन में सुख-समृद्धि और सफलता प्रदान करती है।
Navarna Maha Mantra Sadhana 2025: देवी दुर्गा का परम प्रभावी महामंत्र
नवार्ण महामंत्र का महत्व
नवार्ण मंत्र को सभी स्तोत्रों और मंत्रों में सर्वोपरि माना गया है। यह माँ दुर्गा के तीनों स्वरूपों – महासरस्वती, महालक्ष्मी और महाकाली – की संयुक्त साधना का शक्तिशाली बीज मंत्र है।
मंत्र:
|| ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडायै विच्चे ||
नौ अक्षर वाले इस अद्भुत नवार्ण मंत्र में देवी दुर्गा की नौ शक्तियां समायी हुई है, जिसका सम्बन्ध नौ ग्रहों से भी है।
क्लीं = महाकाली का बीज मन्त्र है।
ऐं = सरस्वती का बीज मन्त्र है।
ह्रीं = महालक्ष्मी का बीज मन्त्र है।
यह मंत्र न केवल माँ दुर्गा के नौ रूपों की साधना का प्रतीक है, बल्कि नवग्रहों को शांत करने वाला अद्भुत महामंत्र भी है।
Navarna Maha Mantra Sadhana 2025: नौ रूप और नौ ग्रह संबंध
• नवार्ण मंत्र के प्रथम बीज ‘ऐं’ से माता दुर्गा की प्रथम शक्ति माता शैलपुत्री की उपासना की जाती है, जिसमें सूर्य ग्रह को नियंत्रित करने की शक्ति समायी हुई है।
• नवार्ण मंत्र के द्वितीय बीज ‘ह्रीं’ से माता दुर्गा की द्वितीय शक्ति माता ब्रह्मचारिणी की उपासना की जाती है, जिसमें चन्द्र ग्रह को नियंत्रित करने की शक्ति समायी हुई है।
• नवार्ण मंत्र के तृतीय बीज ‘क्लीं’ से माता दुर्गा की तृतीय शक्ति माता चंद्रघंटा की उपासना की जाती है, जिसमें मंगल ग्रह को नियंत्रित करने की शक्ति समायी हुई है।
• नवार्ण मंत्र के चतुर्थ बीज ‘चा’ से माता दुर्गा की चतुर्थ शक्ति माता कुष्मांडा की उपासना की जाती है, जिसमें बुध ग्रह को नियंत्रित करने की शक्ति समायी हुई है।
• नवार्ण मंत्र के पंचम बीज ‘मुं‘ से माता दुर्गा की पंचम शक्ति माँ स्कंदमाता की उपासना की जाती है, जिसमें बृहस्पति ग्रह को नियंत्रित करने की शक्ति समायी हुई है।
• नवार्ण मंत्र के षष्ठ बीज ‘डा’ से माता दुर्गा की षष्ठ शक्ति माता कात्यायनी की उपासना की जाती है, जिसमें शुक्र ग्रह को नियंत्रित करने की शक्ति समायी हुई है।
• नवार्ण मंत्र के सप्तम बीज ‘यै’ से माता दुर्गा की सप्तम शक्ति माता कालरात्रि की उपासना की जाती है, जिसमें शनि ग्रह को नियंत्रित करने की शक्ति समायी हुई है।
• नवार्ण मंत्र के अष्टम बीज ‘वि’ से माता दुर्गा की अष्टम शक्ति माता महागौरी की उपासना की जाती है, जिसमें राहु ग्रह को नियंत्रित करने की शक्ति समायी हुई है।
• नवार्ण मंत्र के नवम बीज ‘चै’ से माता दुर्गा की नवम शक्ति माता सिद्धीदात्री की उपासना की जाती है, जिसमें केतु ग्रह को नियंत्रित करने की शक्ति समायी हुई है।
Navarna Maha Mantra Sadhana 2025: विनियोग –
ॐ अस्य श्रीनवार्णमंत्रस्य ब्रम्हाविष्णुरुद्राऋषय: गायत्र्युष्णिगनुष्टुभश्छंन्दांसी, श्रीमहाकालीमहालक्ष्मीमहासरस्वत्यो देवता: , ऐं बीजम , ह्रीं शक्ति: , क्लीं कीलकम श्रीमहाकालीमहालक्ष्मीमहासरस्वत्यो प्रीत्यर्थे जपे विनियोग: ॥
Navarna Maha Mantra Sadhana 2025: विलोम बीज न्यास
ॐ च्चै नम: गूदे ।
ॐ विं नम: मुखे ।
ॐ यै नम: वाम नासा पूटे ।
ॐ डां नम: दक्ष नासा पुटे ।
ॐ मुं नम: वाम कर्णे ।
ॐ चां नम: दक्ष कर्णे ।
ॐ क्लीं नम: वाम नेत्रे ।
ॐ ह्रीं नम: दक्ष नेत्रे ।
ॐ ऐं ह्रीं नम: शिखायाम ॥
(विलोम न्यास से सर्व दुखों का नाश होता है। संबंधित मंत्र उच्चारण के साथ दाहिने हाथ की उँगलियों से संबंधित स्थान पर स्पर्श कीजिए।)
Navarna Maha Mantra Sadhana 2025: ब्रम्हारूप न्यास
ॐ ब्रम्हा सनातन: पादादी नाभि पर्यन्तं मां पातु ॥
ॐ जनार्दन: नाभेर्विशुद्धी पर्यन्तं नित्यं मां पातु ॥
ॐ रुद्र स्त्रीलोचन: विशुद्धेर्वम्हरंध्रातं मां पातु ॥
ॐ हं स: पादद्वयं मे पातु ॥
ॐ वैनतेय: कर इयं मे पातु ॥
ॐ वृषभश्चक्षुषी मे पातु ॥
ॐ गजानन: सर्वाड्गानी मे पातु ॥
ॐ सर्वानंन्द मयोहरी: परपरौ देहभागौ मे पातु ॥
(ब्रम्हारूपन्यास से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। संबंधित मंत्र उच्चारण की साथ दोनों हाथों की उँगलियों से संबंधित स्थान पर स्पर्श कीजिए।)
Navarna Maha Mantra Sadhana 2025: ध्यान मंत्र
खड्गमं चक्रगदेशुषुचापपरिघात्र्छुलं भूशुण्डीम शिर: शड्ख संदधतीं करैस्त्रीनयना सर्वाड्ग भूषावृताम ।
नीलाश्मद्दुतीमास्यपाददशकां सेवे महाकालीकां यामस्तौत्स्वपिते हरौ कमलजो हन्तुं मधु कैटभम ॥
Navarna Maha Mantra Sadhana 2025: माला पूजन
जाप आरंभ करने से पूर्व इस मंत्र से माला का पूजन कीजिए, इस विधि से आपकी माला भी चैतन्य हो जाती है।
“ऐं ह्रीं अक्षमालिकायै नंम:”
ॐ मां माले महामाये सर्वशक्तिस्वरूपिनी । चतुर्वर्गस्त्वयि न्यस्तस्तस्मान्मे सिद्धिदा भव ॥
ॐ अविघ्नं कुरु माले त्वं गृहनामी दक्षिणे करे । जपकाले च सिद्ध्यर्थ प्रसीद मम सिद्धये ॥
ॐ अक्षमालाधिपतये सुसिद्धिं देही देही सर्वमन्त्रार्थसाधिनी साधय साधय सर्वसिद्धिं परिकल्पय परिकल्पय मे स्वाहा॥
अब आप चैतन्य माला से नवार्ण मंत्र का जाप करें।
Navarna Maha Mantra Sadhana 2025: नवार्ण मंत्र सिद्धि
|| ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे ||
नवार्ण मंत्र की सिद्धि 9 दिनों में 1,25,000 मंत्र जाप से होती है।
यदि आप इतने मंत्र जाप नहीं कर सकते तो रोज 1, 3, 5, 7, 11, 21… इत्यादि माला मंत्र जाप भी कर सकते हैं।
इस विधि से सारी इच्छाएं पूर्ण होती हैं, दुख कम होते हैं और धन की वसूली भी सहज हो जाती है।
Navarna Maha Mantra Sadhana 2025: न्यासों का महत्व
शास्त्रों के अनुसार यह सोलह प्रकार के न्यास देखने मिलते हैं:
• ऋष्यादी
• कर
• हृदयादी
• अक्षर
• दिड्ग
• सारस्वत
• प्रथम मातृका
• द्वितीय मातृका
• तृतीय मातृका
• षडदेवी
• ब्रम्हरूप
• बीज मंत्र
• विलोम बीज
• षड
• सप्तशती
• शक्ति जाग्रण न्यास
बाकी के 8 न्यास गुप्त न्यास नाम से जाने जाते हैं।
इन सारे न्यासों का अपना एक अलग महत्व होता है। उदाहरण के लिए शक्ति जाग्रण न्यास से माँ सूक्ष्म रूप से साधकों के सामने शीघ्र आ जाती हैं और मंत्र जाप की प्रभाव से प्रत्यक्ष होती हैं।
Navarna Maha Mantra Sadhana 2025: नवरात्रि में नवार्ण मंत्र साधना
नवार्ण मंत्र का जप नवरात्रि में विशेष फलदायी माना गया है। इस समय देवी के नौ रूपों की उपासना होती है और नौ ग्रहों की शांति भी प्राप्त होती है।
नवार्ण मंत्र साधना केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं बल्कि आध्यात्मिक शक्ति का अद्भुत साधन है। इसके नियमित जप से साधक को विद्या, धन, बल, समृद्धि और ग्रह शांति की प्राप्ति होती है। चाहे जीवन में दुख हों, आर्थिक समस्या हो या मानसिक अशांति – नवार्ण मंत्र जप से हर समस्या का समाधान संभव है।
Navarna Maha Mantra Sadhana 2025: निष्कर्ष
जब माँ चाहे किसी भी रूप में आएं, हमारी कल्याण निश्चित ही करती हैं।
आप नवरात्रि एवं अन्य दिनों में भी इस मंत्र का जाप कर सकते हैं। मंत्र जाप काली हकीक माला अथवा रुद्राक्ष माला से ही किया करें।
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