Electric Vehicles High Booming in India: भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री में जबरदस्त उछाल, जानिए सरकार की नीतियां, उद्योग की तैयारी और उपभोक्ताओं की बदलती पसंद।
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) का बाजार तेजी से बढ़ रहा है और 2025 में इस क्षेत्र ने अब तक के इतिहास में सबसे बड़ी छलांग लगाई है। पिछले साल की तुलना में इस साल EV की बिक्री में लगभग 45% की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। मुख्य कारण सरकार की सब्सिडी, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार, और उपभोक्ताओं में बढ़ती जागरूकता हैं।
शहरों में इलेक्ट्रिक स्कूटर, मोटरसाइकिल और कारों की मांग सबसे अधिक रही है। मेट्रो शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु, पुणे और हैदराबाद के साथ – साथ, छोटे शहरो में भी लोग अब पेट्रोल और डीज़ल वाहनों से इलेक्ट्रिक वाहन की तरफ बढ़ रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में भी धीरे-धीरे EV की पहुंच बढ़ रही है, खासकर बिजली और चार्जिंग नेटवर्क की बेहतर सुविधा के कारण।
सरकार ने EV उत्पादन और खरीद पर कई तरह के प्रोत्साहन दिए हैं। प्रधानमंत्री EV योजना और FAME-III स्कीम के तहत खरीदारों को सब्सिडी मिल रही है। साथ ही, राज्यों में EV चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए सरकारी अनुदान उपलब्ध हैं। इन नीतियों ने EV क्षेत्र में निवेशकों और निर्माता कंपनियों का भरोसा बढ़ाया है।
प्रधानमंत्री EV योजना और FAME-III स्कीम के बारे में हम एक अलग से पोस्ट में विस्तार से जानकारी देने का प्रयाश करेंगे।
कंपनियों ने अपने पोर्टफोलियो में नए मॉडल जोड़े हैं। उदाहरण के लिए, इलेक्ट्रिक स्कूटर के मामले में Ola, Ather, और Hero Electric ने नए मॉडल लॉन्च किए हैं, जो सस्ते, टिकाऊ और लंबी बैटरी रेंज वाले हैं। इलेक्ट्रिक कारों में Tata, Mahindra और MG जैसी कंपनियों ने भी सस्ते और मिड रेंज EV मॉडल पेश किए हैं। इस EV सेगमेंट में ब्रांडेड कंपनियों के साथ – साथ, Mebike india जैसी मुंबई बेस्ड कम्पनियां भी EV बाजार में अपना पैठ धीरे धीरे बनाती जा रही हैं, जो सस्ते, टिकाऊ और लंबी बैटरी रेंज वाले मॉडल्स लॉन्च करके ग्राहकों को उपलब्ध करा रहे हैं।
बाजार विश्लेषकों के अनुसार, EV के क्षेत्र में अगले 2-3 साल में सालाना वृद्धि दर 30% से अधिक रहने की संभावना है। निवेशक भी इस क्षेत्र में तेजी से पूंजी डाल रहे हैं। इलेक्ट्रिक वाहन कंपनियों ने अपनी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता बढ़ाई है, और नई बैटरी फैक्ट्रियां स्थापित की जा रही हैं। इससे न केवल उत्पादन बढ़ा है, बल्कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में रोजगार भी बढ़ा है।
उपभोक्ताओं की बदलती पसंद भी इस तेजी का एक बड़ा कारण है। लोग अब पर्यावरण और प्रदूषण को लेकर जागरूक हो रहे हैं। पेट्रोल और डीज़ल की बढ़ती कीमतें भी EV की तरफ रुझान बढ़ा रही हैं। शहरों में इलेक्ट्रिक वाहन चलाने से ध्वनि और वायु प्रदूषण में कमी आती है, जिससे लोगों का जीवन बेहतर होता है।
स्मार्ट शहरों में EV चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की उपलब्धता भी बढ़ रही है। दिल्ली, बेंगलुरु, पुणे, मुंबई और हैदराबाद में बड़े मॉल, ऑफिस और पब्लिक पार्किंग में चार्जिंग स्टेशन लगाए जा रहे हैं। इससे लंबी दूरी के लिए EV का उपयोग भी आसान हो गया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों का बढ़ता उपयोग भारत की अर्थव्यवस्था और पर्यावरण के लिए सकारात्मक साबित होगा। पेट्रोल और डीज़ल आयात में कमी, कार्बन उत्सर्जन में कमी और ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, घरेलू EV उत्पादन और बैटरी उद्योग में निवेश बढ़ेगा।
हालांकि, चुनौतियां भी हैं। बैटरी की लागत, चार्जिंग समय, और ग्रामीण क्षेत्रों में नेटवर्क की कमी अभी भी बड़ी बाधा हैं। सरकार और कंपनियों ने मिलकर इन समस्याओं को दूर करने की योजना बनाई है।
इस वर्ष, भारत सरकार ने EV चार्जिंग स्टेशन की संख्या दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। बैटरी रीसाइक्लिंग और लोकल उत्पादन पर भी जोर दिया जा रहा है।
निष्कर्ष में कहा जा सकता है कि इलेक्ट्रिक वाहन अब केवल एक ट्रेंड नहीं बल्कि भारत में परिवहन का भविष्य बनते जा रहे हैं। यह न केवल शहरों में बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में भी लोगों की जीवनशैली और आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाएंगे।
Electric Vehicles High Booming in India:
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