Shani Dev’s Saturday: शनिदेव का शनिवार, जानिए- पूजा विधि? रहस्य और उपाय! सही तरीके और फायदे जानें!”
शनिदेव न्याय का देवता माने जाते हैं है, जो इंसान को उसके अच्छे और बुरे कर्मों के अनुसार फल देते हैं। अगर आपकी जिंदगी में रुकावटें, परेशानियां, धन की कमी, नौकरी में परेशानी या बार-बार असफलता आ रही है, तो हो सकता है कि शनि देव की टेढ़ी नजर आप पर हो या शनि देव की साढ़े साती या ढैया का प्रभाव हो।
लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है और न ही चिंता करने की जरुरत है, क्योंकि शनिवार के दिन कुछ खास उपाय करने से आप शनि देव की कृपा पा सकते हैं और उनकी नाराजगी से बच सकते हैं। शनिवार को सही विधि से शनि देव की पूजा और कुछ खास उपाय करने से आप उनकी कृपा प्राप्त कर सकते हैं और जीवन में तरक्की पा सकते हैं।
इस लेख में हम जानेंगे कि शनिवार को शनि देव की पूजा क्यों जरूरी मानी जाती है, किन उपायों से शनि देव प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा पाने के लिए कौन-सी पूजा विधि अपनानी चाहिए।
अगर आप भी अपनी जिंदगी में सकारात्मक बदलाव लाना चाहते हैं, तो इसे पूरा पढ़ें!
💠 सबसे पहले जानते हैं आखिर कौन हैं?? शनि देव:
शनि देव, सूर्य देव और छाया देवी (संवर्णा) के पुत्र हैं और नवग्रहों में सबसे महत्वपूर्ण ग्रहों में से एक हैं। उन्हें न्याय के देवता और कर्मों के फल देने वाले देवता के रूप में जाना जाता है।
💠 शनि देव का स्वरूप
शनि देव का रंग काला है और वे काले घोड़े वाले रथ पर सवार रहते हैं।उनके हाथ में गदा, धनुष और त्रिशूल होते हैं। वे कौए या गरुड़ पर भी विराजमान होते हैं, जो उनके दूत माने जाते हैं। वे धीमी गति से चलते हैं, इसलिए उनकी साढ़े साती और ढैया का प्रभाव लंबा रहता है।

💠 शनि देव का स्वभाव
शनि देव कर्म के अनुसार न्याय करने वाले देवता हैं। वे किसी को बिना कारण दुख या सुख नहीं देते, बल्कि जो जैसा कर्म करता है, उसे वैसा फल मिलता है। अच्छे कर्म करने वालों को शनि देव उच्च सफलता और समृद्धि देते हैं, जबकि बुरे कर्म करने वालों को संघर्ष और तकलीफों का सामना करना पड़ता है।
🔹 शनिवार को ही शनि देव की पूजा क्यों की जाती है?
शनिदेव का दिन शनिवार है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि ग्रह का स्वामी दिन शनिवार होता है। इसलिए इस दिन शनि देव की पूजा करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस दिन शनि दोष, साढ़े साती और ढैया से बचने के लिए उपाय किए जाते हैं।
शनि ग्रह की धीमी गति का असर : शनि ग्रह 30 साल में एक बार ही पूरे राशिचक्र का चक्कर पूरा करता है। यह धीमी गति ही उनके प्रभाव को लंबा बनाती है। शनिवार को शनि देव की पूजा करने से उनकी धीमी चाल का नकारात्मक प्रभाव कम हो सकता है।

🔹 हनुमान जी की पूजा से शनि दोष से मुक्ति : हनुमान जी को शनि दोष नाशक माना जाता है। शनि देव हनुमान जी के भक्तों को परेशान नहीं करते क्योंकि हनुमान जी ने शनि देव को रावण की कैद से मुक्त कराया था। शनिवार को हनुमान चालीसा पढ़ने से शनि देव का बुरा प्रभाव कम होता है।
🔹 शनिवार को दान-पुण्य करने का महत्व : इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान करने से शनि देव की कृपा मिलती है। काले तिल, सरसों का तेल, उड़द दाल, लोहे का सामान और जूते-चप्पल दान करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं।
🔹 शनिवार को शनि देव की पूजा कैसे करें?
शनिवार को सुबह स्नान करके शनि मंदिर जाएं। शनि देव को सरसों का तेल चढ़ाएं। काले तिल, उड़द दाल, नीले या काले कपड़े दान करें।
शनि चालीसा और शनि स्तोत्र का पाठ करें।
शनि देव की कृपा प्राप्त करने के लिए इस दिन व्रत रखना, दान देना और हनुमान जी की पूजा करना विशेष लाभकारी होता है। हनुमान जी की पूजा करें और सुंदरकांड का पाठ करें। गरीबों को भोजन कराएं और पक्षियों को दाना डालें।
🔹 निष्कर्ष: शनि देव की पूजा का महत्व
✅ शनि देव हमारे कर्मों के अनुसार फल देते हैं, इसलिए हमें हमेशा अच्छे कर्म करने चाहिए।
✅ शनिवार को शनि देव की पूजा करने से जीवन की कठिनाइयाँ कम होती हैं।
✅ शनि दोष से बचने के लिए इस दिन हनुमान जी की पूजा करना भी लाभदायक होता है।
✅ दान-पुण्य करने से शनि देव की कृपा बनी रहती है और जीवन में शांति और समृद्धि आती है।
📌 “शनि देव सज़ा नहीं देते, बल्कि हमें हमारे कर्मों का सही फल दिलाते हैं। अच्छे कर्म करें और शनि देव की कृपा पाएं!”
🔹शनिवार के दिन विशेष प्रयोग 🔹
🔸शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । (ब्रह्म पुराण)
🔸हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)
🔸आर्थिक कष्ट निवारण हेतु🔸
एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र जपते हुए पीपल की 7 बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।
चुकि शनिवार के दिन, हनुमान जी की पूजा का भी विशेष महत्व है क्योंकि हनुमान जी ही शनि देव के प्रभाव को कम करने वाले देवता माने जाते हैं।

आइये जानते हैं शनि देव और हनुमान जी से जुड़ी शनिवार की कुछ रोचक पौराणिक कथाएँ एवं लोक मान्यताएँ:
जब शनि देव, हनुमान जी के प्रभाव में आए –
एक लोककथा के अनुसार, एक बार शनि देव हनुमान जी के पास आए और बोले कि वे उनकी कुंडली में आ रहे हैं। हनुमान जी ने हंसते हुए कहा, “अगर तुम्हें मेरी कुंडली में आना है, तो पहले मेरी पूंछ पर चढ़कर आओ।” शनि देव जैसे ही हनुमान जी की पूंछ पर चढ़े, हनुमान जी ने अपनी पूंछ को लंबा कर लिया और शनि देव उसमें फंस गए। जब हनुमान जी ने अपनी पूंछ को जोर-जोर से झटकना शुरू किया, तो शनि देव दर्द से कराहने लगे और माफी मांगने लगे।
हनुमान जी ने शर्त रखी कि जो भी शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करेगा, शनि देव उसे कष्ट नहीं देंगे।
📌 इसी कारण शनिवार को हनुमान जी को तेल चढ़ाने और सुंदरकांड पढ़ने की परंपरा है।
हनुमान जी द्वारा, शनि देव को रावण की कैद से मुक्त करने की कथा –
रावण बहुत शक्तिशाली था और उसने शनि देव को बंदी बना लिया था ताकि वे उसके राज्य पर कोई बुरा प्रभाव न डाल सकें।
लेकिन जब हनुमान जी, सीता मइया की खोज में लंका गए, तो उन्होंने शनि देव को लंका में रावण की कैद में देखा और जब हनुमान जी सीता मइया का पता लगाकर वापस हुए तो उन्होंने लंका में भीषण आग लगा दी और उसके बाद उसी समय रावण के कैद से शनिदेव सहित, सभी ग्रहो को रावण की कैद से मुक्त किया।
शनि देव ने हनुमान जी से प्रसन्न होकर वचन दिया कि “जो भी भक्त शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करेगा, उसे शनि की साढ़े साती और ढैया से मुक्ति मिलेगी।”
📌 इसी कारण लोग शनिवार के दिन हनुमान जी का व्रत रखते हैं और उन्हें चोला चढ़ाते हैं।
शनिवार का दिन शनि देव की पूजा और हनुमान जी की भक्ति के लिए बेहद खास माना जाता है।
अगर आपके जीवन में कठिनाइयाँ हैं, तो शनिवार के दिन शनि देव और हनुमान जी की पूजा करें। इस दिन व्रत, दान और सेवा करने से जीवन की परेशानियाँ कम होती हैं।
🚩 “कर्मों का फल तय है, लेकिन भक्ति और सेवा से ईश्वर की विशेष कृपा भी मिलती है!” 🚩
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