PM JANMAN Scheme A Great Campaign: प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय महाअभियान PM JANMAN योजना
PM JANMAN Scheme: प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय महाअभियान एक हिस्टोरिक और महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य भारत के सबसे पिछड़े और जरूरतमंद जनजातीय समुदायों को सम्मानजनक जीवन देना है। इस योजना से लाखों लोगों को लाभ मिलेगा और वे स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और बुनियादी सुविधाओं से जुड़ सकेंगे। सरकार का यह कदम समाज में समानता लाने और आदिवासी समुदायों को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण साबित होगा।
भारत सरकार ने देश के विशेष रूप से कमजोर जनजातीय ग्रुप्स (PVTGs) के ओवरऑल डेवलोपमेन्ट के लिए प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय महाअभियान (PM JANMAN) की शुरुआत की है। जिससे जनजातीय कम्युनिटीज को बेहतर जीवन फैसिलिटी मिल सके, ताकि वे मुख्यधारा से जुड़ सकें और उनका जीवन स्तर ऊँचा हो।
प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने 15 नवंबर 2023 को जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी) के सामाजिक-आर्थिक कल्याण के लिए पीएम-जनमन का शुभारंभ किया।
PM JANMAN अभियान का मेंन टारगेट भारत देश अलग अलग राज्यों में रहने वाले कमजोर जनजातीय ग्रुप्स के लोगो को भी एजुकेशन, हेल्थ, हाउसिंग, वाटर सप्लाई, बिजली, कनेक्टिविटी और आजीविका की फैसिलिटी का सामान अवसर मिल सके और इन कम्युनिटीज के लोग स्ट्रांग और आत्मनिर्भर बन सके और साथ ही एक नॉर्मल लाइफ जी सके।
PM JANMAN Scheme को लागू करने वाले स्टेट
भारत सरकार ने 2006 में “Primitive Tribal Groups” (PTGs) का नाम बदलकर “Particularly Vulnerable Tribal Groups” (PVTGs) कर दिया।
✔ ये वे जनजातियाँ हैं जो काफी पिछड़ी हुई हैं और मुख्य समाज से अलग-थलग रहती हैं।
✔ इनकी आबादी बहुत कम है और कई जनजातियों की संख्या घट रही है।
✔ ये अब भी प्राचीन जीवनशैली और कृषि के पारंपरिक तरीकों पर निर्भर हैं।
यह योजना उन राज्यों में लागू की गई है जहाँ विशेष रूप से कमजोर जनजातियाँ (PVTGs) रहती हैं। भारत में 18 राज्य ऐसे हैं जहाँ विशेष रूप से कमजोर जनजातियां रहती हैं।
PM JANMAN योजना के तहत 18 राज्य: आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, असम, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, केरल, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, ओडिशा, राजस्थान, तमिलनाडु, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश शामिल हैं।
मंत्रालयों की भागीदारी
इस योजना को सफल बनाने के लिए केंद्र सरकार के 9 मंत्रालय मिलकर जनजातीय कम्युनिटीज की एजुकेशन, हेल्थ, एम्प्लॉयमेंट, हाउसिंग, जैसी बेसिक फैसिलिटी और सामाजिक न्याय को ध्यान में रखते हुए काम कर रहे हैं।
PM JANMAN योजना से जुड़े 9 केंद्रीय मंत्रालय:
जनजातीय कार्य मंत्रालय, ग्रामीण डेवलोपमेन्ट मंत्रालय, एजुकेशन मंत्रालय, हेल्थएवं परिवार कल्याण मंत्रालय, कौशल डेवलोपमेन्ट और उद्यमिता मंत्रालय, पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय, विद्युत मंत्रालय, परिवहन और सड़क मंत्रालय, महिला एवं बाल डेवलोपमेन्ट मंत्रालय
योजना के लाभार्थी
इस योजना के मुख्य लाभार्थी विशेष रूप से कमजोर जनजातीय समूह (PVTGs) के लोग हैं, जो लंबे समय से बेसिक फैसिलिटीज से वंचित हैं। इस योजना के तहत 28 लाख से अधिक जनजातीय लोग लाभान्वित होंगे।

योजना के तहत मिलने वाली फैसिलिटीज
PM JANMAN अभियान के तहत सरकार जनजातीय कम्युनिटीज के संपूर्ण डेवलोपमेन्ट के लिए कई कदम उठा रही है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (PM-AWAS): जनजातीय (PVTGs) परिवारों को पक्के मकान दिए जाएँगे।
एजुकेशन: बच्चों के लिए स्कूलों और छात्रावासों की व्यवस्था होगी।
हेल्थ सेवाएँ: प्राथमिक हेल्थ Centre और मोबाइल मेडिकल यूनिट्स की फैसिलिटी दी जाएगी।
एम्प्लॉयमेंट: युवाओं को कौशल डेवलोपमेन्ट और आजीविका के साधन दिए जाएँगे।
पौष्टिक भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
जल और बिजली: सभी गाँवों में क्लीन ड्रिंकिंग वाटर और कंटीन्यूअस बिजली सप्लाई सुनिश्चित की जाएगी।
सड़कें और कनेक्टिविटी: गाँवों को मुख्य सड़कों से जोड़ा जाएगा और मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध कराया जाएगा।
वन-धन विकास केंद्रों की स्थापना, जिससे जंगलों से मिलने वाले उत्पादों को बाजार में उचित वैल्यू मिल सके। एक लाख घरों में ऑफ-ग्रिड सोलर पावर सिस्टम और सौर स्ट्रीट लाइट्स लगाई जाएँगी।
योजना पर बजट निर्धारण
भारत सरकार ने इस योजना के लिए 24,000 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। इस राशि का उपयोग जनजातीय क्षेत्रों के डेवलोपमेन्ट और वहाँ की बेसिक स्ट्रक्चर सुधारने के लिए किया जाएगा।
सरकार का सहयोग और प्रयास
भारत सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि इस योजना का लाभ सही तरीके से PVTGs तक पहुँचे। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में शिविर लगाए जा रहे हैं, जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं और सरकारी अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इन जनजातीय परिवारों तक पहुँचकर उनकी ज़रूरतों को पूरा करें।
PM JANMAN क्यों है खास ?
यह योजना विशेष रूप से कमजोर जनजातियों (PVTGs) के लिए पहली बार एक ओवरऑल डेवलोपमेन्ट योजना है। इससे लाखों लोगों को एम्प्लॉयमेंट, एजुकेशन और हेल्थ जैसी महत्वपूर्ण फैसिलिटीज मिलेंगी। आदिवासी समाज को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार का सबसे बड़ा कदम है। इस योजना के तहत छोटे-छोटे गाँवों और जंगलों में बसे कम्युनिटीज को डेवलोपमेन्ट की मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा।
योजना की ज़िम्मेदारी – निचले स्तर से उच्च स्तर तक
PM JANMAN योजना को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए कई लेवल पर अलग-अलग जिम्मेदारियाँ तय की गई हैं।
ग्राम स्तर (Village Level)
ग्राम पंचायत और स्थानीय निकायों की जिम्मेदारी है कि वे योजना के बेनिफिशरीज को आइडेंटिफाई करें। Government Scheme की जानकारी देकर, लोगों को जागरूक करें। बेनिफिशरीज का सेलेक्टशन करके उनके लिए आवेदन प्रोसेस पूरी करवाना।
ब्लॉक स्तर (Block Level)
ब्लॉक डेवलोपमेन्ट अधिकारी (BDO) गाँवों से प्राप्त रिपोर्ट की रिव्यु करते हैं। हेल्थ सेंटर्स, स्कूलों और सरकारी स्कीम्स की प्रोग्रेस का सुपरविजन करते हैं। गाँवों में सड़क, बिजली, पानी और अन्य बेसिक स्ट्रक्चरकी जरूरतों का आकलन करते हैं।
जिला स्तर (District Level)
जिला कलेक्टर (DM/DC) स्कीम्स के Execution का सुपरविजन करते हैं। एजुकेशन, हेल्थ, एम्प्लॉयमेंट और आजीविका से जुड़ी स्कीम्स का उचित Execution सुनिश्चित करना। विभिन्न सरकारी विभागों के बीच तालमेल स्थापित करना।
राज्य स्तर (State Level)
राज्य सरकार बजट और रिसोर्सेज उपलब्ध कराकर योजना का संचालन करती है। मुख्यमंत्री कार्यालय इस योजना का सुपरविजन करता है और प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) को रिपोर्ट भेजता है।
केंद्र सरकार स्तर (Central Government Level)
योजना के लिए 24,000 करोड़ रुपये का बजट मंजूर करना और राज्यों को वितरित करना। नए डेवलोपमेन्ट कार्यों की रूपरेखा तैयार करना और राज्यों को निर्देश देना। नीति आयोग और 9 मंत्रालयों के सहयोग से योजना को सुचारू रूप से लागू करना।

प्रधानमंत्री और नीति आयोग का सुपरविजन (Top-Level Monitoring)
प्रधानमंत्री और नीति आयोग पूरे देश में PM JANMAN योजना की सुपरविजन करते हैं। यदि किसी राज्य में योजना के Execution में देरी हो रही है, तो तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए जाते हैं।
प्रधानमंत्री जनजातीय न्याय महाअभियान (PM JANMAN) भारत के आदिवासी समाज के लिए एक हिस्टोरिक और ट्रांस्फ़ॉर्मेटिव पहल है। यह योजना देश के पिछड़े जनजातीय कम्युनिटीज को एक नई दिशा और नए अवसर देगी, जिससे वे सम्मानजनक जीवन जी सकें।
सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम समाज में समानता और न्याय लाने के साथ-साथ जनजातीय कम्युनिटीज को देश की प्रोग्रेस में सक्रिय भागीदार बनाने में सहायक होगा।
योजनाओं का सही क्रियान्वयन और निगरानी
केंद्र और राज्य सरकारों की योजनाओं में समन्वय की कमी के कारण कई बार लाभार्थियों तक योजनाओं का पूरा लाभ नहीं पहुँच पाता।
योजनाओं का बजट सही तरीके से इस्तेमाल नहीं होने की समस्या भी बनी रहती है।
ये जनजातियाँ बहुत ही दूर-दराज और दुर्गम क्षेत्रों में रहती हैं, जहाँ बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी है।
सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसी सेवाएँ वहाँ तक पहुँचाना कठिन होता है।
PVTG समुदायों को मुख्यधारा के समाज में भेदभाव का सामना करना पड़ता है।
सरकारी योजनाओं की जानकारी इन समुदायों तक सही तरीके से नहीं पहुँच पाती।
हालाँकि, योजना की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि इसे सही तरीके से लागू किया जाता है या नहीं।
महत्त्वपूर्ण यह है कि सरकार जनजातीय कम्युनिटीज(PVTGs) के लिए सटीक जनगणना करे, योजनाओं की निगरानी बढ़ाए और जमीनी स्तर पर लोगों तक सही तरीके से लाभ पहुँचाए।
अगर यह योजना पूरी तरह से सफल होती है, तो यह भारत के सबसे पिछड़े वर्ग को सशक्त बनाने की दिशा में एक हिस्टोरिकल चेंज साबित होगी!