MAHA KUMBH Mela 2025: ” महाकुंभ महापर्व: 144 साल बाद 2025 में बना, अमृत स्नान का महायोग “।।
प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी 2025 तक आयोजित महाकुंभ मेला 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन सम्पन्न हुआ। इस ऐतिहासिक आयोजन में लगभग 66 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने तीर्थो के राजा, तीर्थराज- प्रयाग नगरी में माँ गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम तट पर पवित्र डुबकी लगाई।
इस अवसर पर योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज के लोगों को विशेष धन्यवाद दिया। इस भव्य आयोजन को सफल बनाने में सफाई एवं स्वास्थ्य कर्मियों के साथ सुरक्षा बलों के कार्यों, और उनकी भूमिका की सराहना की, और साथ ही मुख्या मंत्री योगी जी ने सबका आभार व्यक्त किया और सफाई एवं स्वास्थ्य कर्मियों की न्यूनतम तनख्वाह अब ₹16000 प्रतिमाह होगी, गरीब नाविकों को नाँव खरीदने के लिए धनराशि उपलब्ध कराये जाने की घोषणा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति: महाकुंभ की इम्पोर्टेंस का प्रमोशन
5 फरवरी 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी महाकुंभ मेला में सम्मिलित हुए। उन्होंने संगम में पवित्र स्नान किया और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ धार्मिक अनुष्ठानों में उपस्थित हुए। यह उनका प्रयागराज दौरा महाकुंभ की महत्ता को और भी बढ़ाने वाला था।

अंतरराष्ट्रीय सहभागिता और भव्यता
महाकुंभ मेला 2025 में न केवल भारतीय श्रद्धालुओं ने भाग लिया, बल्कि विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों ने भी इस इवेंट में शामिल हुए। भूटान के राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक ने 4 फरवरी को संगम में पवित्र स्नान किया, जो इस आयोजन का अंतरराष्ट्रीय महत्व को दर्शाता है।

उत्तर प्रदेश सरकार: सजगता, सुरक्षा और व्यवस्था
इस भव्य आयोजन के दौरान सुरक्षा और व्यवस्थाओं पर विशेष ध्यान दिया गया। उत्तर प्रदेश पुलिस और सफाई कर्मचारियों ने अपना भरपूर योगदान दिय। उत्तर प्रदेश सरकार, कुम्भ मेला में हुए अव्यवस्था के बाद वीवीआईपी प्रोटोकॉल को रद्द किया, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। उत्तर प्रदेश पुलिस ने सोशल मीडिया पर भ्रामक सामग्री फैलाने वाले 140 हैंडल्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज की और मेला प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष इंतजाम किए।
महाकुंभ मेला विशेष
महाकुंभ मेला 2025 ने न केवल धार्मिक आस्था और भव्यता को दर्शाया, बल्कि यह आयोजन पूरे विश्व में भारत की सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक टॉलरेंस का मैसेज देने वाला बना।
2025 का महाकुंभ आयोजन भारतीय संस्कृति और आस्था का प्रतीक बना और अगले महाकुंभ के लिए यह एक आदर्श स्थापित करेगा।