सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय द्वारा सफाई कर्मचारी, मैनुअल स्कैवेंजर्स और 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के उनके आश्रितों के लिए एक शिक्षा ऋण योजना।
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इस योजना के तहत, टार्गेट ग्रूप को, राज्य चैनलाइजिंग एजेंसियों (एस.सी.ए.), क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आर.आर.बी.) और राष्ट्रीयकृत बैंकों के माध्यम से टर्म लोन दिए जाते हैं।
- इस योजना के अंतर्गत भारत में अध्ययन के लिए अधिकतम ₹ 10 लाख और विदेश में अध्ययन के लिए
अधिकतम ₹ 20 लाख तक का लोन दिया जाता है। - कुल खर्च के 90% तक शैक्षिक ऋण 4% की ब्याज दर पर इस योजना के अंतर्गत दिया जाता है।
- भारत में अध्ययन के लिए महिलाओं को ब्याज`दर में 0.5% की अतिरिक्त छूट दी जाती है।
नोट: शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार की योजना के तहत शैक्षिक ऋण पर ब्याज (भारत में अध्ययन के लिए) की प्रतिपूर्ति उन लाभार्थियों को की जाती है जिनके परिवार की वार्षिक आय रु. 4.50 लाख प्रति वर्ष तक है।
कवरेज और फ़ायदे
भुगतान की अवधि: कोर्स के समाप्त होने के 5 साल बाद। हालांकि, ब्याज का भुगतान ऋण के वितरण के बाद ही तिमाही आधार पर करना होता है।
मॉरटॉरीयम अवधि: 1 साल
कवरेज:
- प्रवेश शुल्क और ट्यूशन शुल्क।
- कोर्स के लिए आवश्यक पुस्तकें, स्टेशनरी और अन्य उपकरण।
- परीक्षा शुल्क।
- रहने और खाने का खर्चा।
- पॉलिसी के लिए बीमा प्रीमियम
कौन ले सकता है ?
- सफाई कर्मचारी (कचरा बीनने वालों सहित), स्वच्छकारों के तौर पर पहचाने जाने वाले और उनके आश्रित।
- टार्गेट ग्रूप की पंजीकृत सहकारी समितियाँ।
- कोई भी कम्पनी या फ़र्म जिसे कानूनी रूप से टार्गेट ग्रूप द्वारा बनाया गया हो।
- स्थानीय राजस्व अधिकारी / स्थानीय नगरपालिका अधिकारी / छावनी कार्यकारी अधिकारी / रेलवे
अधिकारी, सरकारी विभाग (जैसे कि स्कूल, कॉलेज, वन, स्वास्थ्य, शिक्षा, पशुपालन) के प्रमुख कर्मी जिनकी
रैंक कम से कम राजपत्रित अधिकारी की हो, नगर निकाय के निर्वाचित सदस्य, ग्राम पंचायतों के प्रधान और
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आर.आर.बी.) / सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पी.एस.बी.) के क्षेत्रीय प्रबंधकों द्वारा
स्वीकृत/प्रमाणित प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने वाले व्यक्ति। हालांकि, एम.एस. अधिनियम, 2013 के तहत किये
गए किसी सर्वेक्षण में मैनुअल स्कैवेंजर/स्वछ्कारों के रूप में चिन्हित व्यक्ति को राज्य सरकारों/केंद्र शासित
प्रदेश प्रशासन द्वारा तैयार की गई मैनुअल स्कैवेंजर्स की अंतिम सूची में उसका नाम आने के बाद कोई प्रमाण
पत्र प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है। - सफाई कर्मचारियों / आश्रितों को व्यवसाय प्रमाण पत्र जारी करने के लिए मुखिया / सरपंच / अध्यक्ष या
ग्राम पंचायत के प्रधान के समकक्ष कोई अन्य प्राधिकारी; और बिना राजपत्रित अधिकारियों वाले नगर
निकायों के मामले में, इन नगर निकायों के प्रमुख सक्षम प्राधिकारी के रूप में कार्य कर सकते हैं।